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Re-Calling Kota : कोरोना में सिंगलरूम कल्चर कोटा की बड़ी ताकत

सवा लाख विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग आवासीय कक्ष उपलब्ध
 

कोटाMay 28, 2020 / 03:31 pm

Kanaram Mundiyar

कोटा. कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के दौर में भी सवा लाख बच्चे कोटा में सभी सुविधाओं के साथ होम आइसोलेट रह सकते हैं। वह इसलिए कि कोटा में सिंगल रूम कल्चर है। करीब 80 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी रूम में अकेले रहते हैं। 20 प्रतिशत विद्यार्थी माता-पिता के साथ या एक रूम में दो रहते हैं। हॉस्टल में मैस में जहां विद्यार्थी एकत्रित होते थे, उसके स्थान पर भी बच्चे अपना-अपना भोजन कमरों में ले जा सकते हैं या उनके कमर के दरवाजे के बाहर तक पहुंचाया जा सकता है। शहर में करीब 3 हजार हॉस्टल हैं।
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इनमें करीब 1 लाख 20 हजार कमरे हैं। इसके अलावा पेइंग गेस्ट के रूप में भी सिंगल कमरे उपलब्ध हैं। कोटा में इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए हर वर्ष डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी कोटा आते हैं। दिसम्बर के बाद ही कोर्सेज पूरे होना शुरू हो जाते हैं।
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होम आइसोलेशन की आदर्श स्थिति
कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.विजय सरदाना का कहना है कि लॉकडाउन में कोटा का सिंगलरूम कल्चर बहुत प्रभावी उदाहरण है। होम आइसोलेशन के लिए सिंगल कमरा और वॉशरूम अटेच होना चाहिए। ये स्थितियां कोटा में है, इसके साथ ही हॉस्टल्स में हाइपोक्लोराइड से सफाई भी हो रही है।
कई भागों में रहते हैं विद्यार्थी

कोटा में राजीव गांधी नगर, झालावाड़ रोड, नदी पार लैंडमार्क सिटी और बारां रोड पर स्थित कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत हैं।

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काउंसर की सुविधा
सभी कोचिंग (Kota Coaching) संस्थानों में विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए स्थाई रूप से काउंसलर नियुक्त है। इसके अलावा कोरोना के दौरान 55 हजार से ज्यादा बच्चों को सुरक्षित भेजकर यह साबित कर दिया है कि बड़ी संख्या में आए बच्चों को सुविधाएं दी जा सकती हैं।
फैक्ट फाइल

1.50 लाख से अधिक स्टूडेंट्स हर वर्ष देशभर से आते हैं कोटा
1 लाख से अधिक स्टूडेंट्स सिंगल रूम लेकर रहते हैं

1 लाख से अधिक सिंगलरूम अटैच वॉशरूम वाले हैं

अच्छा माहौल है यहां
कोटा में मेरा दूसरा साल है मैं यहां नीट की तैयारी कर रहा हूं। अभी राजीव गांधी नगर में हॉस्टल में रहकर तैयारी कर रहा हूं। यहां किसी तरह की परेशानी नहीं है। पढ़ाई का अच्छा माहौल है, इसलिए लॉकडाउन में भी घर नहीं गया। सभी का अच्छा सहयोग मिल रहा है। रहने, खान और स्वास्थ्य से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं है। हर सुविधा यहां उपलब्ध है।
शैलेन्द्र दास, छात्र, बाराबंकी

हर कोई यहां आना चाहेगा

कोटा में पढ़ाई का इतना अच्छा माहौल कि हर कोई विद्यार्थी जिसे कॅरियर बनाना है, वह कोटा आना चाहेगा। कोटा में पढऩे वालों के लिए हर सुविधा है। यहां फैकल्टी और पढ़ाने का तरीके बहुत बेहतर है। कोटा में आना मेरे लिए बहुत अच्छा रहा।
सुयश कुमार, नीट छात्र, वाराणसी

बच्चे को कोटा में नीट की तैयारी करने भेजा था, जैसा कोटा के बारे में सुना उससे बहुत अच्छा माहौल वहां मिला। बच्चे का कोर्स पूरा हो गया है। अब ऑनलाइन सुविधा मिल रही है। कोटा कोचिंग जैसी कहीं नहीं होगी। फैकल्टी बहुत अच्छी है। 24 घंटे उपलब्ध है। पढ़ते-पढ़ते समस्या आने पर फैकल्टी को मैसेज करते है तो वे रेस्पांस देते हैं। अब वीडयो उपलब्ध करा रहे हैं।
अनुराधा गुप्ता, अभिभावक वाराणसी

पढ़ाई के लिए अनूठा शहर है कोटाकोटा में आने वाले बच्चों को संर्पूण विकास करने का माहौल मिलता है। मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश की तैयारी यहां सबसे बेहतर तरीके से कराई जाती है। इसलिए हर कोई कोटा आना चाहता है। कोटा की इस साख को हमेशा बनाए रखेंगे। देश के सभी बच्चे यहां परिवार की तरह रहते हैं और आगे भी ऐसा ही होगा।-एम.एस चौहान, निदेशक, वाइब्रेंट एकेडमी

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