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दीपक का कारोबार अभी से ही शुरू हो गया है। कई लोग तो कच्चे दीपक खरीदते हैं। कई देसी पक्के दीपक खरीदते हैं। कुछ लोग गुजराती पैटर्न के दीपक भी खरीदना पसंद करते हैं जो वे गुजरात से मंगवाते हैं। हालांकि ये देसी की अपेक्षा महंगे होते हैं। यह भी पढ़ें
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दिल्ली, अहमदाबाद, इंदौर से आता है सामान दुकानदार विनोद कुमार ने बताया कि कोटा में विद्युत सजावट का सारा सामान दिल्ली, अहमदाबाद, इंदौर से आता है। शहर में करीब एक दर्जन थोक व्यापारी है, जो साल भर यही काम करते हैं। करीब दो हजार रिटेलर हैं, जो दीपावली के सीजन में मात्र 15 दिन विद्युत सजावटी सामान बेचते हैं। प्रत्येक रिटेलर 20 हजार का कारोबार कर लेता हैं। यह भी पढ़ें
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चाइनीज माल भी बिक रहा दुकानदार कहते हैं कि सभी विद्युत सजावटी सामान मेड इन इंडिया बिक रहा हैं। लेकिन बाजार में करीब 15-20 फीसदी सजावटी विद्युत उत्पाद मेड इन चाइना चमचमा रहा था। दुकानदारों का कहना है कि जो माल पुराना रखा था उसे ही बेच रहे हैं। नया माल नहीं लाए। यह भी पढ़ें
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आंकड़ों में दीपोत्सव की रोशनी 500 मिट्टी के दीपक विक्रेता, 5000 दीपक बेचता है प्रत्येक दुकानदार, 25 लाख दीपक बिक जाते हैं शहर में, 50 लाख का हो जाता है कारोबार। 2000 सजावटी विद्युत लाइट विक्रेता शहर में, 20000 का प्रत्येक का कारोबार 4 करोड़ का दीपावली पर सजावटी विद्युत लाइट का कारोबार