खेड़ा रसूलपुर में भी हालत खराब कैथून के खेड़ारसूलपुर गांव में शुक्रवार को दो दर्जन रोगी डेंगू पॉजीटिव पाए गए। इनका कैथून,
कोटा के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। भाजपा ताथेड़ मण्डल अध्यक्ष सुरेश गुर्जर ने बताया कि गांव के प्राथमिक चिकित्सालय में चिकित्सक नहीं है। इस कारण इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिला परिषद सदस्य रामघणी गुर्जर ने जिला कलक्टर से तत्काल यहां चिकित्सक नियुक्त करने की मांग की है। लोगों ने बताया कि गांव में सफाई-व्यवस्था समुचित नहीं है।
सफाई व्यवस्था चौपट अफोर्डेबल योजना में सफाई व्यवस्था चौपट है। कचरे के ढेर हैं। हालात देख यह लगता है कि कई दिनों से यहां सफाई नहीं हुई। गंदगी के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय निवासी ललित शर्मा ने बताया कि करीब 10 दिन से डेंगू फैला हुआ है। छह से सात मरीज सामने आ चुके हैं। यदि सर्वे किया जाए तो और मरीज सामने आ सकते हैं। सफाई के लिए पार्षद के पास गए तो कहा कि यह हमारे एरिया में नहीं आता है।
एक ही परिवार के तीन सदस्य बीमार अफोर्डेबल योजना में रहने वाली कौशल्या कंवर का पूरा परिवार डेंगू की चपेट में है। वे खुद, उनके दोनों पुत्र प्रदीप सिंह व देवेन्द्र सिंह, पड़ौसी पंकज शर्मा, सुरेन्द्र सुमन, महेन्द्र नागर, रिंकू मीणा समेत अन्य डेंगू मरीज है। इनका घरों पर ही चार-पांच दिनों से इलाज चल रहा है।
डेंगू से 2 व स्वाइन फ्लू से 1 मौत, 12 नए मामले चिकित्सा विभाग से शहर में डेंगू व स्वाइन फ्लू काबू नहीं हो पा रहा। रोजाना नए मामले सामने आ रहे। डेंगू से दो व स्वाइन फ्लू एक की मौत हो गई। वहीं 12 नए मामले सामने आए। स्वाइन फ्लू से पीडि़त रेलवे स्थित वर्कशॉप कॉलोनी निवासी अब्दुल गफ्फार (58) तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती थे। वहां से उन्हें एमबीएस अस्पताल रैफर कर दिया। यहां गुरुवार रात को उनकी मृत्यु हो गई। विनोबा भावे नगर निवासी सुशीला शर्मा की बसंत विहार स्थित निजी अस्पताल व खेड़ारसूलपुर निवासी भैरूलाल मेघवाल (42) की तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में डेंगू से मौत हो गई। वहीं, संभाग में डेंगू के शुक्रवार को 12 मामले सामने आए। कोटा के 8, बूंदी 1, बारां 3 रोगी सामने आए हैं। स्वाइन फ्लू के झालावाड़ के 2 मामले सामने आए है।
72 कर्मचारी की डिमांड चिकत्सा विभाग ने शहर में फोगिंग आदि के वास्ते मुख्यालय से 72 कर्मचारी मांगे हैं। सीएमएचओ डॉ. आरके लवानिया ने बताया कि शहर में डेंगू का कहर है। बिना एंटी लार्वा कार्रवाई के यह खत्म नहीं हो सकता। इसके लिए उनके पास वर्तमान में एंटी लार्वा कार्रवाई के लिए 70 कर्मचारियों की टीम है, जो शहर में कार्रवाई करती है। डेंगू जैसी महामारी पर काबू पाने के लिए निदेशालय को 72 कर्मचारियों की डिमांड भेजी हैै।