जीआरपी चौकी प्रभारी मनीराम मरावी ने बताया कि आरोपी विनोद पिता कयंबा लवड़े (३५ वर्ष) गांव लकाड़ थाना अंजनगांव जिला अमरावती ने बालक रोशन को अपने साथ ट्रेन से भुसावल ले गया था। यहां से उसने दूसरी ट्रेन पकड़कर अकोला गया फिर बस से अंजनगांव पहुंचा था। गांव में साप्ताहिक बाजार लगा हुआ था। आरोपी विनोद बच्चे को लेकर बाजार में भीख मांगने लगा। इसी दौरान बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। अचानक बच्चे को रोता देखकर लोग आरोपी से पूछने लगे, तभी व मौका पाकर वहां से भाग निकला। लोगों ने पुलिस को मौके पर बुलाकर बच्चे को सुपुर्द किया था। समिति ने बालक को ईसाई समुदाय की संस्था में भेजा था। जीआरपी ने पहुंचकर अमरावती पुलिस की मदद से बच्चे को बाल कल्याण समिति से अपने अधीनस्थ लिया।
स्टेशन परिसर से बच्चे का अपहरण होने की खबर सबसे पहले पत्रिका ने प्रकाशित की थी। इटारसी और खंडवा से जीआरपी पर दबाव बढ़ा तो उन्होंने तीन टीम बनाकर खिरकिया, खंडवा, इटारसी, बुरहानपुर, तलवडिय़ा, भोपाल तक बच्चे व आरोपी की तलाश की, लेकिन कहीं पर भी उन्हें सफलता नहीं मिली। रेलवे एसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने आरोपी पर 10 हजार रुपए का इनाम रखा था। पुलिस की सक्रियता की वजह से आरोपी गिरफ्तार हुआ था।
रोशन का अपहरण होने के बाद से काजल और सुल्तान भी आसपास के रेलवेस्टेशनों पर जाकर आरोपी को तलाश रहे थे। आरोपी विनोद के पकड़ाते हुए पुलिस तुरंत उसे लेकर अमरावती पहुंची थी। वहां पर कानूनी प्रक्रिया करते हुए अपहर्त बालक को बीती रात लेकर आई। मंगलवार को पुलिस ने थाने में बालक रोशन को उसके माता-पिता के सुपुर्द किया। दस दिन से लापता बेटे को पाकर काजल खुशी से झूम उठी।
जीआरपी चौकी प्रभारी मनीराम मरावी, एसआई पीडी दंडोतिया, प्रधान आरक्षक शोभाराम बटके, उमाचरण दुबे, आरक्षक अजय प्रताप, विरमङ्क्षसह, तुलसीराम यादव, वीरेंद्रनाथ पांडे, बृजमोहन तिवारी, विजय बांके, कैलाश केवट, कैलाश यादव।