एमबीएस में डॉ. दीप्ति शर्मा ने रोगियों को देखा वहीं जेके लोन में अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर के गुलाटी ने दो घंटे तक रोगियों का उपचार किया। यही हाल न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल का भी रहा जहां सीनियर डॉक्टर्स ने मरीजों का उपचार किया। हड़ताल का असर अस्पतालों में साफ दिखाई दिया। मरीज इधर से उधर भटकते रहे वहीं कई रोगियों को कुछ दिन बाद आने की तारीख दे दी गई।
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वार्ड से ओपीडी में दिखाने आए मरीज रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का असर इनडोर में भर्ती रोगियों पर दिखाई दिया। वार्ड में भर्ती रोगियों को देखने डॉक्टर्स नहीं आए। रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल से सीनियर डॉक्टर ओपीडी में आ गए और वार्ड में मरीज परेशान रहे। सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल से कनवास निवासी निहाल बाई (62) को कोटा रेफर कर दिया। वार्ड में डॉक्टर नहीं आए तो उन्हें व्हील चेयर पर आउटडोर में दिखाया गया।
इसके साथ ही ग्राम नरसिंह पुरा अटरू निवासी हीरालाल के दोनो पैर में फेक्चर है। जिन्हें बाद में आने की तारीख दे दी गई। जबकी उनका पूरा परिवार उन्हें डॉक्टर के बताए दिन पर ही लेकर आए थे। दीगोद निवासी रामकन्या बाई (65) का पैर मोटर साइकिल से गिरकर फेक्चर हो गया था, जिसे परिजन एक घंटे तक लेकर घूमते रहे।
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एक आयुर्वेदिक चिकित्सक ने संभाली कुन्हाड़ी पीएचसी सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल का असर कुन्हाड़ी शहर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी दिखाई दिया। यहां आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. एलएन गुप्ता ने रोगियों का इलाज किया। लेकिन कई लोगों को पता चला की आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं तो वह बिना इलाज लिए ही चले गए। एक ही डॉक्टर के भरोसे पूरी पीएचसी को संभाला गया। वहीं बापू बस्ती पीएचसी पर मरीज कम होने पर सेवानिवृत डॉ. जिन्हें कॉन्ट्रेक्ट बेस पर लगा रखा है वह पीएचसी पर ताला लगाकर कुन्हाड़ी आ गए और रोगियों का इलाज किया।
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