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बैठक के दौरान मेले की दुकानों का आवंटन लॉटरी प्रक्रिया से करने, सर्कस व डिजनीलैंड लगवाने, रंगमंच पर सिर्फ कलाकारों के वाहनों की एंट्री सहित कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास की मौजूदगी में मेला आयोजन समिति अध्यक्ष राम मोहन मित्रा व सदस्यों ने सुझाव दिए। नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका ने कहा कि मेला आयोजन सफलतापूर्वक हो इसके लिए विपक्ष सकारात्मक तरीके से साथ है। बैठक में उपायुक्त राजेश डागा, अतिरिक्त मेला अधिकारी प्रेम शंकर शर्मा, मेला सदस्य रमेश चतुर्वेदी, नरेन्द्र हाड़ा, प्रकाश सैनी, महेश गौतम लल्ली, भगवान स्वरूप गौतम, विकास तंवर, मीनाक्षी खंडेलवाल, मोनू कुमारी मेघवाल, पार्षद रमेश आहूजा, विनोद नायक आदि मौजूद थे।
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मेला अधिकारी रुचि नहीं ले रहे तो जिम्मेदारी छोड़ दें
मित्रा ने कहा कि मेले में चंद दिन बचे हैं, लेकिन अभी तक कई कार्यक्रमों का फाइनल नहीं हुआ। दुकानों के आवंटन में देरी हो रही है। मित्रा ने मेलाधिकारी नरेश मालव पर रुचि नहीं लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उन्हें रुचि नहीं है तो वह जिम्मेदारी छोड़ दें। मेलाधिकारी की बेरुखी का खामियाजा मेला समिति क्यों भुगते। कई झूले वाले उनके पास आ रहे हैं और शिकायत कर रहे हैं कि 10 दिन से चक्करलगा रहे हैं, लेकिन मेला अधिकारी फाइलों पर साइन नहीं कर रहे।