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कोटा

Budget: दखल के बाद हुई बैठक, 515 करोड़ का बजट अनुमोदित, पहले के ही खर्च नहीं हुए

पार्षदों के विरोध के चलते दो बार स्थगित हुई नगर निगम की वित्त समिति की बैठक।

कोटाFeb 07, 2018 / 05:43 pm

abhishek jain

Budget
कोटा .

पार्षदों के विरोध के चलते दो बार स्थगित हुई नगर निगम की वित्त समिति की बैठक आखिर मंगलवार को उप महापौर सुनीता व्यास के दखल पर हुई। बैठक में 515 करोड़ के निगम के वर्ष 2018-19 के बजट का अनुमोदन कर दिया है।
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उप महापौर ने समिति के सदस्यों से अलग-अलग बात की और बोर्ड बैठक से पहले मतभेद भुलाकर वित्त समिति की बैठक में शामिल होने की बात की। इसके बाद समिति की बैठक उप महापौर की अध्यक्षता में हुई। समिति के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश सोनी ने बताया कि बैठक में कोरम पूरा होने के बाद बजट के एक-एक बिन्दु पर चर्चा की गई। सभी सदस्यों ने एकराय से 515 करोड़ के बजट का अनुमोदन कर दिया है। निगम की ओर से पूर्व में तैयार किए गए बजट प्रस्तावों पर ही समिति सदस्यों ने मुहर लगा दी। बैठक में सदस्य दिलीप पाठक ने पर्याप्त बजट होने के बाद भी पानी-पटान व सड़कों के नाम नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बजट लैप्स होने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ र्कावाई होनी चाहिए।
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अकर्मण्यता ऐसी…पैसा पड़ा रहा, नहीं सुधारी गई शहर की सड़कें
शहर की सड़कों की स्थिति खराब है। जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। सड़कों के लिए पर्याप्त बजट होने के बावजूद इन्हें दुरुस्त नहीं किया गया है। अब निगम अधिकारी आनन-फानन में बजट खपाने में जुट गए हैं।
निगम क्षेत्र में नई सड़कों के निर्माण के लिए वर्ष 2017-18 में 10 करोड़ का बजट रखा गया है।
वित्त वर्ष खत्म होने में केवल दो माह शेष हैं, लेकिन अब तक 3 करोड़ 49 लाख 28 हजार रुपए ही सड़कों पर खर्च हुए। पार्षदों का अरोप है कि वे सड़कों की मरम्मत की अरसे से मांग कर रहे लेकिन अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते। पार्षद दिलीप पाठक का कहना है कि निगम क्षेत्र की सड़कों की बुरी स्थिति है। लेकिन अधिकारी काम ही नहीं करना चाहते। महापौर को भी सड़कों के बजट खर्च नहीं करने पर अवगत कराया था। निर्माण समिति के अध्यक्ष रमेश चतुर्वेदी का कहना है कि सड़कों के मद के शेष बजट के जल्द से टेण्डर करवाए जाएंगे, ताकि पूरे बजट का सही उपयोग हो जाए।
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मिल सकती है दुर्घटनाओं से राहत
अण्टाघर चौराहे के आसपास, बोरखेड़ा पुलिया, गोबरिया बावड़ी चौराहा, अनंतपुरा चौराहा, हवाई अड्डे के सामने, नांता मोड़, डीसीएम चौराहा एक्सीडेंटल जोन है। रोड इंजीनियरिंग सही नहीं होने की वजह से आए दिन हादसे होते हैं, जिनमें कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। इसके बावजूद नगर निगम, नगर विकास न्यास व जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। अधिकतर जगहों पर डिवाइडर व स्पीड ब्रेकर बनाने, जेब्रा क्रॉसिंग और संकेतक बोर्ड लगाने के संबंध में यातायात पुलिस की ओर से कई बार संबंधित एजेन्सियों को अवगत कराया जा चुका।
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