तापमान में बढ़ोतरी के कारण लहसुन खराब होने लगा पत्रिका की संभागभर की टीमों ने गांवों में किसानों के घर पहुंचकर िस्थति देखी। इसमें सामने आया कि पहले किसान टीनशेड की छाया में लहसुन का भण्डारण कर रखा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से अचानक तापमान में बढ़ोतरी के कारण लहसुन खराब होने लगा। ऐसे में किसानों ने पक्के घर-आंगन में भण्डारण कर गर्मी से बचाव के लिए कूलर-पंखे लगा दिए। दिनरात कूलर-पंखे चलाकर गर्मी से बचाने का जतन कर रहे हैं। हाड़ौती में किसानों के पास पांच लाख मीट्रिक टन से अधिक लहसुन का स्टॉक है।
बाजार में उत्पादन का 30 प्रतिशत ही बिका संभाग में रबी सीजन में करीब 1 लाख हैक्टेयर से ज्यादा में किसानों ने लहसुन की बुवाई की और करीब 6 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। लहसुन का बाजार भाव लगातार बढ़ने से किसानों ने लहसुन का स्टॉक करना शुरू कर दिया। संभाग में अभी तक उत्पादन का करीब 30 प्रतिशत यानी 1 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा लहसुन ही बाजार में बिका है। स्टॉक किए लहसुन को भीषण गर्मी से बचाना किसानों के लिए अब भारी पड़ रहा है।
गर्मी से लहसुन ढीला होने लगा कोटा जिले के करीरिया निवासी किसान सुरेन्द्र नागर ने बताया कि तेज गर्मी से लहसुन ढीला (पिचपिचाने लग गया) पडऩे लग गया है। कलियां मरने लग गई हैं। उसे बचाने के लिए घर के सभी कूलर-पंखों से लहसुन को हवा दे रहे हैं। थुनपुर के किसान जगदीश राठौर ने बताया कि कुछ लहसुन तो बेच दिया, शेष को बीज के लिए रखा था, लेकिन गर्मी से बिगड़ते लहसुन को बचाने के लिए पंखे लगा रखे हैं।
20 क्विंटल खराब हो गया कुंदनपुर क्षेत्र के कैलाशपुरा निवासी किसान गुमानीशंकर नागर ने बताया कि 20 बीघा में लहसुन की फसल की और करीब 200 क्विंटल उत्पादन हुआ। खलिहान में ही लहसुन का ढेर लगा रखा था, लेकिन तेज गर्मी व लू के थपेड़ों से करीब 20 क्विंटल लहसुन मरने लगा और ढीला पड़ गया। ऐसेे में लहसुन को खलिहान से हटाकर घर में भण्डारण कर बचाने के लिए कूलर-पंखे लगा रखे हैं। ढेर में खराब हुए लहसुन को हटाने के लिए मजदूर लगाना पड़ेगा, ताकि पूरा लहसुन खराब न हो।