नगर निगम 18 साल से नान्ता में अवैध ट्रेचिंग ग्राउड में मनमाने तरीके से कूड़ा डंप कर रहा है। जिसके चलते उस इलाके की हवा ही नहीं पानी भी जहरीला होने लगा है। स्थानीय लोग कैंसर जैसी भयावह बीमारियों की चपेट में फंसने लगे हैं। राजस्थान पत्रिका के खुलासे के बाद राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की ओर से गठित राजस्थान सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन जस्टिस दीपक माहेश्वरी हालात का जायजा लेने कोटा आए थे।
हालात सुधारने के दिए थे आदेश
ट्रेचिंग ग्राउंड का निरीक्षण करने पहुंचे जस्टिस माहेश्वरी वहां के भयावह हालात देखकर भौंचक रह गए। निरीक्षण के दौरान कई लोग उन्हें कचरे के ढेर पर कबाड़ बीनते दिखाई दिए। उनकी खराब स्थिति देख जस्टिस माहेश्वरी ने वहां रह लोगों को चिन्हित करने और फिर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करा रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए थे। 220 से ज्यादा लोग मिले नगर निगम के अधीक्षण अभियंता प्रेम शंकर शर्मा ने बताया कि जस्टिस माहेश्वरी के आदेश पर नान्ता ट्रेचिंग ग्राउंड के आसपास टापरियां बनाकर रहने व कचरे से कबाड़ बीनने वाले घुमंतुओं को चिन्हित किया। निगम प्रशासन अभी तक ऐसे 220 लोगों की सूची बना चुका है। इन सभी लोगों का बुधवार को स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। सीएमएचओ ने स्वस्थ्य विभाग की टीम को इन लोगों का पूरा परीक्षण कर रिपोर्ट बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसे जस्टिस माहेश्वरी को भेजा जाएगा।