यहां होली के भित्ती चित्रों के साथ ही लघु चित्र भी देखने को मिलते हैं। अंदर वाले कक्ष में बने भित्ति चित्र में हाथियों पर बैठकर राजपरिवार के सदस्यों को जनता के साथ गुलाल से होली खेलते हुए दिखाया गया है। वहीं कांच जडि़त आठ से दस इंच के लघु चित्रों में महाराव को महल के झरोखे से गुलाल फेंकते और नायिकाओं को पिचकारी चलाते दिखाया गया है।
मातम में बदली होली की खुशियां, जवान बेटे को कफन में देख बेसुध हुआ पिता, मां की चित्कार से कांप उठा कलेजा
कंवरपाद महल
यहां 3 बाई 8 फुट के एक ब्लैक एंड व्हाइट स्कैच में रामपुरा बाजार में होली खेलने का दृश्य चित्रित किया गया है। जिसमें महाराव हाथी पर बैठकर फव्वारे से रंगों की बौछार कर रहे हैं। महिला-पुरुष एक दूसरे पर गुलाल डाल रहे हैं और ढ़ोल नगाड़ों पर नृत्य करते हुए नृत्यांगनाएं भी चित्रित की गई हैं।