ज्ञात है कि वर्तमान में कोटा व उदयपुर में नगर सुधार/विकास न्यास (यूआईटी) क्रियाशील है। बजट सत्र में कोटा व उदयपुर में विकास प्राधिकरण स्थापित करने की घोषणा के साथ ही हलचल शुरू हो गई हैं। दोनों संस्थाओं में प्राधिकरण स्थापित करने की तैयारी की जा रही है।सूत्रों के अनुसार, सरकार के आदेश मिलते ही दोनों शहरों के न्यास को विकास प्राधिकरण में बदलने की अधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सरकार की भी मंशा हैं कि अगले चुनावी साल से पहले दोनों शहरों में जल्द से जल्द प्राधिकरण अपना काम शुरू कर दें। जरूरत हुई तो दोनों न्यास के अधिकारियों को जेडीए व एडीए की कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
तैयार होगा 50 साल का विजन डॉक्यूमेंट प्रदेश में पहले से गठित विकास प्राधिकरण विजन के अनुसार काम कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी के काम भी 50 साल के विजन के आधार पर हो रहे हैं। उसी के अनुरूप कोटा व उदयपुर भी 50 साल के विजन की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
जेडीए की तर्ज पर यह होंगे शॉर्ट नेम KDA- कोटा विकास प्राधिकरण ( Kota Development Authority ) UDA – उदयपुर विकास प्राधिकरण ( Udaipur Development Authority ) जेडीए की SOP का अनुसरण-
-जेडीए (जोधपुर) ने 13 साल पहले जयपुर जेडीए ( Jaipur Development Authority ) की एसओपी से तैयार किया था ढांचा। -एडीए (Ajmer Development Authority) ने 9 साल पहले जोधपुर विकास प्राधिकरण (Jodhpur Development Authority) की एसओपी से तैयार की अपनी शक्तियां।
-इसलिए अब केडीए व यूडीए करेंगे JDA या ADA की एसओपी का अनुसरण। परिधि में मास्टर प्लान के गांव शामिल होंगे- कोटा व उदयपुर शहरों के मास्टर प्लान में शामिल गांवों को उनके प्राधिकरण में शामिल कर एरिया लिमिट तैयार की जाएगी। क्षेत्र में अरबन, पेराफेरी व रूरल लिमिट के अनुसार विकास की दिशा तय होगी। दोनों प्राधिकरण की सीमा 30 से 35 किलोमीटर तक रह सकती है। कोटा में मास्टर प्लान-2031 के अनुसार 119 गांव शहरी परिधि में रखे गए हैं।
प्राधिकरण से दोनों शहरों में यह बदलेगा- -जोनल कार्यालय बनेंगे, जोनल उपायुक्त देखेंगे काम। -जोनल डवलपमेंट प्लान के जरिए अलग-अलग जोन में होंगे काम। -कार्य निष्पादित करने की जवाबदेही तय होगी।
-सड़कों का मास्टर प्लान बनेगा, स्मार्ट रोड बनेगी, जो बार-बार खोदने की जरूरत नहीं रहेगी। -स्मार्ट कॉलोनी विकसित होंगी। ऐसा रहेगा संगठनात्मक ढांचा- -आयुक्त (पद आईएएस या सुपर स्केल आरएएस अधिकारी) की तैनाती होगी।
-प्राधिकरण को चार जोन में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में एक-एक उपायुक्त (आरएएस) लगेंगे। -प्राधिकरण के थाने में डीएसपी (आरपीएस) की तैनाती होगी। अब यह होगी तैयारी- -गजट नोटिफिकेशन के लिए नया एक्ट कैसे तैयार करना है।
-किन-किन नए पदों का सृजन कैसे करना है। -जोनल डवलपमेंट प्लान के जरिए भविष्य में कौनसी योजनाएं लाई जा सकती है -ऑनलाइन डेटा फीडिंग, ऑनलाइन सिंगल विंडो, कस्टमर केयर सेन्टर, फाइल ट्रेकिंग सिस्टम, शिकायत प्रकोष्ठ, पुलिस व्यवस्था, योजना विभाग सहित अन्य तैयारी।