कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) का गठन होने पर कोटा जिले के कई नए गांव इसकी सीमा शामिल हो सकेंगे। ऐसे में उन क्षेत्रों में भी आधारभूत विकास योजनाएं मूर्त रूप ले सकेंगी। कोटा में नए ग्रोथ जोन बनाया जाना पहले ही प्रस्तावित है। कोटा विकास प्राधिकरण में चार जोन बनाए जा सकते हैं।
नए पद सृजित होंगे-
अतिक्रमण हटाने और नियमों की पालना के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के पद सृजित होंगे। सचिव के अलावा आयुक्त का पद भी सृजित होगा। पर्याप्त जाप्ता उपलब्ध रहेगा। इसलिए कोटा को केडीए की सौगात (KDA)-
-मास्टर प्लान में नए हवाई अड्डे, तीन नए बस स्टैण्ड सहित विभिन्न सुविधाओं के लिए भूमि प्रस्तावित की गई है।
-2031 तक इसमें रानपुर व शंभुपुरा को ग्रोथ सेन्टर के रूप में घोषित किया जाएगा। इन्हें पृथक योजना क्षेत्र माना जाएगा।
-आयुक्त का पद सृजित होगा, ऐसे में हमेशा आईएएस अधिकारी तैनात रहेगा।
-प्राधिकरण में शामिल होने वाले गांवों में भी शहर की तरह विकास कार्य होंगे। -प्राधिकरण का खुद का पुलिस थाना होगा। पुलिस दल-बल के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करना आसान होगा।
-यूआईटी के पास पर्याप्त लैंड बैंक है। -कई प्रगतिशील आवासीय योजनाएं हैं।
-यूआईटी के पास बड़ा कार्यालय भवन है। -यूडीएच में मंत्री Shanti Dhariwal भी कोटा से ही हैं।
-अन्य शहरों की तुलना में आय-व्यय क्षमता में आगे हैं।
कोटा में अभी 2031 तक का मास्टर प्लान लागू है
119 गांव शामिल हैं यूआईटी की सीमा में
15716 एकड़ आवासीय भू उपयोग क्षेत्रफल है अभी
42570 एकड़ आवासीय क्षेत्रफल होगा 2031 तक
1992 एकड़ आवासीय क्षेत्र रानपुर ग्रोथ जोन में विकसित होगा
728 एकड़ आवासीय क्षेत्र शंभूपुरा ग्रोथ सेन्टर में विकसित होगा
विकास प्राधिकरण के पास निर्णय संबंधित अधिकार यूआईटी से ज्यादा होते हैं। बहुत से मामले राज्य सरकार के पास भेजने की आवश्यकता नहीं होती। प्राधिकरण में जोन आधारित व्यवस्था होती है। पुलिस अधिकारी, इंजीनियर और विधि से जुड़े सीनियर अधिकारियों के पद सृजित होंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि मास्टर प्लान में कोई बदलाव करना होता है तो विकास प्राधिकरण के स्तर पर ही प्रक्रिया हो जाती है।
– केडीए की घोषणा ऐतिहासिक-
कोटा के लिए विकास प्राधिकरण की घोषणा शहर के विकास की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय है। वहीं बजट में राजस्थान राज्यकर्मियों के लिए 2004 से पहले वाली पेंशन योजना बहाल करने के रूप में बड़ी सौगात मिली है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन की 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी।
-पंकज मेहता, उपाध्यक्ष, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड
कोटा यूआईटी को विकास प्राधिकरण में तब्दील करने की घोषणा अच्छी है। पत्रिका समय-समय पर इस विषय की ओर ध्यान आकर्षित करती रही है। चिकित्सा, शिक्षा और अन्य कई क्षेत्रों में विकास की नई घोषणाएं हुई है। बजट घोषणाओं में जनता की प्राथमिकताओं का ध्यान रखा है। विकास प्राधिकरण से कोटा के विकास में चार चांद लगेंगे।
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राजस्थान पत्रिका की पहल पर कोटा को केडीए की सौगात मिलने जा रही है। इसके लिए नया एक्ट बनेगा। इसमें जनभावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस पर जल्द कार्य शुरू होना चाहिए ताकि आगामी वित्तीय वर्ष में यह घोषणा मूर्त रूप ले सके। पत्रिका का बहुत-बहुत धन्यवाद।
-वैभव सिंघल, कर अधिवक्ता
राज्य बजट घोषणा में कोटा विकास प्राधिकरण की घोषणा से शहर के हर वर्ग के चेहरे पर खुशी छा गई। पत्रिका का इसमें काफी योगदान रहा। इससे शहर के विकास के द्वार खुलेंगे। रोजगार बढ़ेंगे और कोटा की अलग से पहचान होगी।
– शनि कश्यप, इलेक्ट्रीक इंजीनियर
– डॉ. स्नेहलता धर्मावत
राज्य का चौथा विकास प्राधिकरण शिक्षा नगरी कोटा में गठित होगा। राजस्थान पत्रिका ने इसको लेकर मुहिम चलाई थी। इसके चलते मुख्यमंत्री ने बजट में इसकी घोषणा की है। इससे शहर समेत गांवों का विकास होगा। रिवरफ्रंट व ऑक्सीजन प्रोजेक्ट बनते ही कोटा एक पर्यटन नगरी का रूप ले लेगा। इसका पूरा श्रेय राजस्थान पत्रिका को जाता है।
-डॉ. मनुश्री
कोटा. कोटा को केडीए की सौगात की घोषणा पर शहर में खुशी जाहिर की गई। विभिन्न्न संगठनों के लोगों ने आतिशबाजी भी की और राजस्थान पत्रिका का आभार जताया। होलसेल व्यापार महासंघ हाड़ौती की ओर से शास्त्री मार्केट में आतिशबाजी कर खुशी जताई। इस दौरान संभाग अध्यक्ष पंकज बागड़ी, चिमन जेसवानी, रमेशराय मेघराज, पवन दुआ, सौभागमल जैन, गोपाल कसाडिय़ा, हेमंत गर्ग, टिंम्बर मार्केट अध्यक्ष नवीन सहित अन्य व्यापारी उपस्थित रहे।