दुकानों के आवंटन में कर्मचारियों पर पैसे लेकर दुकानों के आवंटन के आरोप भी लगते हैं। मेले के बाद कर्मचारियों को अनावश्यक जांच का सामना करना पड़ता है। मेला शुरू होने से एक माह पहले ही राजस्व अनुभाग के कर्मचारी दिन-रात मेले की तैयारियों में जुट जाते हैं, लेकिन निगम प्रशासन की ओर से इसका कोई अतिरिक्त भुगतान भी नहीं किया जाता है। मेला खत्म होने क बाद निगम प्रशासन की ओर से सीसीएल भी नहीं दी जाती है। ज्ञापन में कहा कि इसलिए राजस्व अनुभाग द्वारा वर्ष 2019 में मेले के आवंटन के कार्य को किया जाना संभव नहीं हैं। अत: मेले का काम अन्य अनुभाग से करवाया जाए।
राजस्व अनुभाग की पूरी टीम के साथ दो दिन पहले दुकानों के आवंटन के बारे में चर्चा हुई थी। सभी कर्मचारियों ने मेले को सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित करने की बात की थी। पिछले मेले में दौरान आचार संहिता लागू हो गई थी, इस कारण दुकानों के आवंटन में मेला समिति का कोई दखल नहीं था। अधिकारियों ने ही राजस्व अनुभाग के साथ मिलकर आवंटन किया गया था। मेला समिति कभी भी अनुचित आवंटन के लिए दबाव नहीं बनाती है। पूरी पारदर्शिता से आवंटन होता है। राममोहन मित्रा अध्यक्ष मेला समिति