क्रॉस का निशान
चंदन के अधिकांश पेड़ आला अधिकारियों के बंगलों, वन विभाग की नर्सरियों, मंदिरों या उन्नत किसानों के खेतों में होते हैं। ऐसे में चोर दिन-रात मौके के हिसाब से इनकी रैकी करते हैं। इसके बाद चिन्हित पेड़ पर काटने से पहले बकायदा क्रॉस का निशान बनाते हैं और योजनाबद्ध तरीके से इसे काट ले जाते है।
तनको गीला कर काटते हैं
चंदन चोर पेड़ काटने व इसे ले जाने में बेहद शातिर होते हैं। ये पेड़ के निचले में करीब ढाई से तीन फीट के हिस्से को ही काटते हैं। इसके लिए वे करीब तीन फीट ऊपर टाट की गीली बोरी बांधकर इसकी कटाई शुरू करते हैं। इससे आरी पर पानी जाने से काटने की आवाज नहीं आती। पेड़ के ऊपरी हिस्से को अन्य पेड़ों से बांध देते हैं। इससे पेड़ कटने के बाद भी दूर से खड़ा नजर आता है व चोरी के कई घंटों बाद तक इसका पता तक नहीं चलता।
दो करोड़ का चंदन चोरी
चंदन के पेड़ की बाजार में इनकी जबरदस्त मांग है। अन्तरराष्ट्रीय बाजार में चंदन के पेड़ों की लकड़ी 15 से 30 लाख रुपए क्विंटल है। ऐसे में चोरी गए पेड़ों की कीमत करोड़ रुपए से भी अधिक हो सकती है। इससे पहले नयापुरा थानाक्षेत्र में नेहरू गार्डन के सामने स्थित पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश किशन गुर्जर के आवास से भी चोर चंदन का पेड़ चुरा ले गए थे। इसकी कीमत करोड़ रुपए के लगभग थी।