पीडि़ता मंजूषा जैन ने बताया कि उन्होंने नया एटीएम कार्ड बनवाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक में आवेदन किया था। गुरुवार शाम करीब पौने 4 बजे उनके मोबाइल पर फोन आया। इस दौरान वे सो रही थी। मोबाइल उनके पुत्र देवांग जैन ने उठाया। ठग ने उसे नया एटीएम कार्ड बनाने के लिए पुराने कार्ड के एटीएम नंबर और सीवीवी नंबर पूछे। ऐसे में उनके बेटे ने पुराने कार्ड के एटीएम नंबर व सीवीवी नंबर बता दिए। इसके बाद उन्होंने मोबाइल में आए ओटीपी कोड भी मांगे। देवांग ने नए एटीएम के लिए आवश्यक जानकारी मानते हुए ये भी बता दिए। इसके बाद मंजूषा के बैंक के बचत खाते से कई बार ट्रांजिक्शन कर रुपए निकाल लिए गए।
जब उन्हें पैसे कटने की जानकारी मिली तो उन्होंने कॉल करने वाले युवक से फोन पर बात कि तो उसने कहा कि यह सब रुपया अभी कुछ ही देर में वापस आपके खाते में आ जाएगा। इसके बाद भी रुपए खाते में नहीं आए। फोन करने वाले व्यक्ति ने दूसरे किसी बैंक के एटीएम नंबर पूछे। इस पर उसने सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम नंबर व सीवीवी नंबर दे दिए। कुछ देर बात इस खाते में से भी रुपए कट गए। दोनों बैंक खातों से करीब 92 हजार रुपए उड़ा लिए।
इस मामले में महिला ने परिजनों के साथ दादाबाड़ी थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी। उन्होंने बैंक पहुंचकर खाते में निकाली गई राशि का भुगतान रोकने की प्रकिया शुरू की।