सरकारी संपत्ति का हो रहा दुरुपयोग, जिम्मेदार मौन!
आईएचएसडीपी योजना के मकानों पर अवैध कब्जे…
रावतभाटा. आईएचएसडीपी योजना में बने मकानों में अवैध तरीक से रह रहे लोग।
रावतभाटा. तत्कालीन राज्य सरकार व नगर पालिका रावतभाटा की ओर से ईदगाह के पास समेकित आवास और कच्ची बस्ती विकास कार्यक्रम आईएचएसडीपी के तहत डूब विस्थापितों के लिए वर्ष 2014 में मकानों का निर्माण कराया गया था। अब यहां पर अवैध रूप से लोग कब्जा कर रहे हैं।
वहीं कुछ तो मकानों को बेच भी रहे हैं। टीसीआईएल की ओर से विस्थापितों के लिए 393 मकानों का निर्माण कराया जाना था। जबकि 88 मकानों का ही निर्माण कराया गया। इसके साथ सामुदायिक केंद्र का निर्माण बीच में ही बंद कर दिया गया। कार्य बंद होने के बाद दोबारा शुरू नहीं हुआ।
नगरपालिका कर चुकी है कंपनी को भुगतान
आवासों का निर्माण करने वाली कंपनी की ओर से मकानों के निर्माण के दौरान 3.27 करोड़ रुपए भुगतान की मांग की गई थी। इस पर पालिका ने 3 करोड़ 12 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया था।
इसके बाद एजेंसी ने वर्ष 2016 में निर्माण बंद कर दिया। पालिका की ओर से इस संबंध में तत्कालीन स्वायत्त शासन मंत्री व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया, लेकिन कंपनी ने निर्माण शुरू नहीं किया।
आवासों पर कब्जा
निर्माण कार्य अधूरा छोड़ कर गई कंपनी की ओर से बनाए गए मकानों पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। इन आवासों की राशि नगर पालिका की ओर से दी गई। लेकिन नगरपालिका ने इन आवासों पर किसी प्रकार का कोई अपना अधिकार जताते हुए कार्यवाही नहीं की।
आधे अधूरे मकानों पर समाज कंटकों का जमावड़ा भी रहता है। नगर पालिका की ओर से अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी नहीं की जा रही है। घरों में विद्युत कनेक्शन भी हैं। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन राज्य सरकार ने यह मकान टेली कम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड को एजेंसी बनाकर निर्माण के आदेश दिए थे। इनका निर्माण करने के लिए 25 फरवरी 2014 को शिलान्यास किया गया था।
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