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विकार्स कार्यों के नाम पर वसूले करोड़ों, लेकिन खर्च के नाम पर कंजूसी दिखा रही राज्य सरकार

कोटा. राज्य सरकार ने प्रदेश में विकास कार्यों के नाम पर कर वसूल कर दो साल में खजाना तो भर लिया, लेकिन राशि खर्च करने में कंजूसी बरती जा रही है।

कोटाFeb 23, 2018 / 02:11 pm

abhishek jain

राज्य सरकार
कोटा.

राज्य सरकार ने प्रदेश में खान क्षेत्रों में पर्यावरण सुधार एवं विकास कार्यों के नाम पर कर वसूल कर दो साल में खजाना तो भर लिया, लेकिन राशि खर्च करने में कंजूसी बरती जा रही है। आधी राशि के भी काम स्वीकृति नहीं हुए, जबकि यह राशि जनकल्याण के कार्यों में खर्च करने के नाम पर वसूली गई है।
खनिज विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दो साल में पर्यावरण सुधार एवं विकास कार्यों के नाम पर सरकार ने 1427 करोड़ 90 लाख की राशि वसूल की। यह राशि खान क्षेत्रों में सामाजिक व चिकित्सा क्षेत्र के विकास में खर्च की जानी थी, लेकिन अधिकारी खजाने पर कुण्डली मारकर बैठ गए। इससे खान क्षेत्रों में सामाजिक कार्य भी नहीं हो सके।
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434 कार्यों पर ब्रेक
डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन कोष से कुल 4887 कार्यों के लिए 67695.10 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है, लेकिन सरकार ने ही माना है कि 80 फीसदी कार्य अधूरे पड़े हैं। अब चुनावी साल में आपाधापी में कार्यों को पूरा करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। 33 कार्य तो ऐसे हैं, जो सरकार से अनुमोदित हो चुके हैं, लेकिन 94 करोड़ 25 लाख के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं मिली है। इस राशि को जिला स्तर की जरूरतों को देखते हुए खर्च करने के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है।
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ये कार्य होंगे
नए कक्षा कक्षों का निर्माण, स्कूलों में पानी की व्यवस्था, खनन क्षेत्रों में नई सड़कें, चिकत्सा उपकरण खरीदने, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास, नवीन पेयजल योजनाएं, खनन क्षेत्रों में पौधारोपण, होस्टल्स एवं वृद्धाश्रम में सुविधाओं का विस्तार, आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ीकरना व जल ग्रहण क्षेत्रों में विकास आदि कार्य होंगे।
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चिकित्सा क्षेत्र के लिए 49.46 करोड़
डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों के पर्यावरण संरक्षण व स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यय करने का प्रावधान है। राज्य में खनन क्षेत्र में प्रदूषण से उत्पन्न होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए पर्यावरण सुधार के साथ ही चिकित्सा क्षेत्र पर 49.46 करोड़ की राशि के 1020 कार्य पिछले माह ही स्वीकृत किए गए हैं। कोटा जिले में इस मद से 17.26 करोड़ की राशि एकत्रित हुई है, लेकिन अभी तक दस फीसदी राशि भी खर्च नहीं हुई है।
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