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कोटा

इन्द्रदेव ने नहीं सुनी पुकार तो याद आए भैरुजी ! हारे के सहारे जमीन में दबे भैरुजी को निकाला…9 साल बाद दिखा ये नज़ारा

बरसात की कामना को लेकर की पूजा अर्चना…9 वर्ष बाद बाद निकाले गए गढ़े भैरू

कोटाJul 26, 2019 / 06:24 pm

Suraksha Rajora

rajasthan news Worshiped Bhairuji on the wish of rain sawan 2019

इन्द्रदेव ने नहीं सुनी पुकार तो याद आए भैरुजी ! हारे के सहारे जमीन में दबे भैरुजी को निकाला…9 साल बाद दिखा ये नज़ारा

कोटा. बारिश की कामना को लेकर शुक्रवार सुबह महापौर महेश विजय व उप महापौर सुनीता व्यास के नेतृत्व में पाटनपोल स्थित गढ़े भैरूजी की पूजा की गई। पूजन के कुछ ही समय बाद शहर में बरसात प्रारंभ हो गई।

सावन माह प्रारंभ होने के बावजूद शहर में 7 जुलाई से बरसात नहीं हो रही थी। मान्यता रही है कि पाटनपोल में सती चबूतरे के पास स्थित गढ़े भैरूजी का पूजन करने से बरसात होती है। ऐसे में पुरातन परम्परा के अनुरूप नगर निगम ने गढ़े भैरूजी का पूजन करने का निर्णय लिया। इसके लिए गुरूवार को ही खुदाई कर भैरूजी को बाहर निकालने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई।
महुर्तानुसार सुबह 7.30 बजे महापौर , उपमहापौर, क्षेत्रीय पार्षद दिलीप पाठक, नरेंद्र सिंह हाड़ा, महेश गौतम लल्ली, युधिष्ठिर चानसी, रेखा लखेरा, राजस्व निरीक्षक विजय अग्निहोत्री ने पूजन प्रारंभ किया। मंत्रोच्चार के बीच सभी ने कामना की कोटा समेत सभी जगह बरसात हो ताकि प्रकृति और मनुष्य सभी को राहत मिले।

इस दौरान गढ़े भैरूजी के दर्शन करने के लिए लोग उमड़ पड़े। पूजन के दौरान पूरे समय लोग भैरूजी के जयकारे लगाते रहे। इतना ही नहीं ढोल और थाली बजाकर भी भैरूजी से बरसात का आशीर्वाद लोगों ने मांगा। आयोजन के दौरान पार्षद रेखा लखेरा ने पति सुरेश लखेरा तथा राजस्व निरीक्षक विजय अग्निहोत्री ने पत्नी लक्ष्मी शर्मा के साथ भैरूजी की पूजा-अर्चना की।

सबके कल्याण के लिए किया पूजन

परम्परा और मान्यता के अनुसार गढ़े भैरूजी की पूजा कर बरसात का आशीर्वाद मांगा गया ताकि कोटा में बरसात हो और लोगों को राहत मिले। सबने प्रार्थना की अच्छी बारिश से सबका जीवन मंगलमय बने। महेश विजय, महापौर
नौ वर्ष बाद हुई पूजा

गढ़े भैरूजी को स्थापित करने वाले परिवार की चौथी पीढ़ी के राजेश कुमार सैनी ने बताया कि एक शताब्दी पूर्व से यह परम्परा चली आ रही है। करीब9 बार ही गढ़े भैरूजी को निकाल कर पूजा की गई। हर बार पूजा के बाद भरपूर बरसात होती है।

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