यह भी पढ़ें
आंधी ने थामी रफ्तार, ठहर गई दौड़ती ट्रेन…इन ट्रेनों का परिचालन बाधित
इससे वहां दोनों यूनिटों सेमटेल ग्लास लिमिटेड एवं सेमटेल कलर लिमिटेड के करीब 1800 कामगारों को उनके बकाया वेतन, ग्रेच्यूटी, बोनस, पीएफ, बीमा के करोड़ों रुपयों का गबन किया गया। इसके विरोध में कर्मचारियों व परिजनों ने कई महीनों तक विरोध जताया। इस मामले में बोरखेड़ा थाने में 17 दिसम्बर 2012 को षडय़ंत्र रचने व धोखाधड़ी के मामले में मामला दर्ज करवाया। यह भी पढ़ें
हाथ में बेस बॉल, सरिया लेकर आए और कर गए कानून व्यवस्था को तार तार…
इस पर तीन अधिकारियों जनरल मैनेजर हरिप्रसाद शर्मा, डिप्टी जनरल मैनेजर शंकर प्रसाद, एच आर मैनेजर अशोक गुप्ता की 21 दिन कोटा सेंट्रल जेल में बंद रहने के बाद जयपुर हाई कोर्ट से सशर्त जमानत हुई थी। इस मामले में नामजद फैक्ट्री के डायरेक्टर सतीश कुमार कौरा, पुनीत कौरा, जनरल मैनेजर सचिन अरोड़ा ने अभी तक श्रमिकों को उनके बकाया करोड़ों रुपए भुगतान नहीं किए। यह भी पढ़ें
मंत्री के शहर में अतिक्रमी भारी ! न्यास के दस्ते पर पथराव, उल्टे पैर भागे..आधा दर्जन घायल.. देखिये वीडियो
श्रमिकों की ओर से उनकी एडवोकेट शिवा गौड, आरके स्वामी ने नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल में श्रमिकों का पक्ष रखते हुए बहस की, जिस पर सुनवाई करते हुए एनसीएलटी कोर्ट ने सेमटेल ग्लास उद्योग के मैनेजिंग डॉयरेक्टर्स को व्यक्तिगत रूप से 23 मई को न्यायालय में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। सेमटेल प्रबंधन को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश होने के आदेश के बाद एक बार फिर प्रबंधक में खलबली मच गई । श्रमिकों को उनके बकाया करोड़ों रुपए भुगतान नहीं किए जाने से श्रमिकों को सड़क पर उतरना पड़ा था परिवार में भूखे मरने की नौबत आ गई।