कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग में राजस्थान की पहली इस तरह की सर्जरी हुई हैं। दरअसल बारां के छीपाबड़ौद निवासी 35 वर्षीय मनभर कमर 6 माह से कमर दर्द से पीड़ित थीं। करीब 2 माह से वह चल-फिर भी नहीं पा रहीं थीं। मनभर शिकायत लेकर वेज एमबीएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में आई थी। चिकित्सकों ने उसकी एमआरआई जांच करवाई। जिसकी रिपोर्ट में आया कि मनभर के रीड़ की हड्डी के छल्ले (एल4-5 प्रोलेप्स इंटर वर्टिब्रल डिस्क) खिसके हुए और नस पर दबाव पड़ा हुआ था। वहीं मरीज को अस्पताल में भर्ती कर शुक्रवार को ट्रांसफोरोमिनल सुचरलैस एंडोस्कोपिक डिस्केक्टमी तकनीक से सर्जरी की गई। न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन गौतम ने दावा किया है कि प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इस तकनीक से यह पहली सर्जरी है। उन्होंने इस तकनीक के फायदे बताते हुए कहा कि मरीज ऑपरेशन के लगभग एक घंटे के बाद ही चलना फिरना शुरू कर सकता है। उसको ज्यादा दिन अस्पताल में नहीं रुकना पड़ता है। उसकी सर्जरी वाले या दूसरे दिन डिस्चार्ज कर देते है। ऑपरेशन में रक्तस्राव और इंफेक्शन नहीं होता है। साथ ही टांके लगाने की आवश्यकता भी नहीं होती है।