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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई-मेन-2019 से शीर्ष रैंक वाले 2.45 लाख परीक्षार्थियों को जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देने के लिए क्वालिफाई घोषित किया, लेकिन इनमें से 1.73 लाख ने ही पंजीयन करवाया। उसके बाद 27 मई को मात्र 1,61,319 परीक्षार्थी ही जेईई-एडवांस्ड का पेपर देने पहुंचे।
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आईआईटी रूड़की की ओर से आयोजित जेईई-एडवांस्ड-2019 के रिजल्ट में इस वर्ष 38,705 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए पात्र घोषित किया गया। जिसमें 33,349 छात्र तथा 5356 छात्राएं शामिल हैं। जबकि गत वर्ष 1.52 लाख परीक्षार्थियों में से 31,988 को क्वालिफाई घोषित किया गया था। इन विद्यार्थियों ने 23 आईआईटी संस्थानों की 12,069 से अधिक सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लिया। जिसमें गल्र्स कैटेगरी के लिए आरक्षित 80 सीटें भी शामिल थी। इस वर्ष गल्र्स कैटेगरी एवं ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 10 प्रतिशत रिजर्वेशन की अतिरिक्त सीटें और बढ़ जाएगी। Pulwama Terror attack : शहीद हेमराज के परिजनों को मुंबई बुलाकर अमिताभ बच्चन ने दिए 10 लाख
इसलिए घट रही है रुचि
सूत्रों ने बताया कि 23 आईआईटी में फैकल्टी की निरंतर कमी, नई आईआईटी में आधारभूत सुविधाओं व संसाधनों की कमी के चलते अच्छे प्लेसमेंट नहीं होने से विद्यार्थी नई आईआईटी से बीटेक करने को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं। इसकी तुलना में वे पुराने एनआईटी से मनपसंद ब्रांच में बीटेक करना चाहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष 83,681 (34.15 प्रतिशत) विद्यार्थियों का आईआईटी जैसे संस्थानों से मोहभंग हो जाना विचारणीय है। इससे आईआईटी की वल्र्ड क्लास रैंकिंग भी प्रभावित हो सकती है। केवल कटऑफ में गिरावट करने तथा क्वालिफाई विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाए जाने से रिक्त सीटें नहीं भर सकती। इसके लिए आईआईटी संस्थानों की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा।
जेईई-एडवांस्ड की कटऑफ में बदलाव
आईआईटी रुड़की ने जेईई-एडवांस्ड के पात्रता मापदंडों में मामूली बदलाव कर विद्यार्थियों को और अधिक अवसर दिए हैं। एक्सपर्ट के अनुसार विषयवार कटऑफ को यथावत रखते हुए इस वर्ष कुल कटऑफ कम कर दी गई।