मुंह ताकते मासूम सरकारी स्कूलों में दूध योजना शुरू हुई तो आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को लेकर विभाग ने भी योजना शुरू की। ब्लॉक में कई आंगनबाड़ी केन्द्र सरकारी विद्यालयों में संचालित है। विद्यालयों में तो कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को गर्म एवं ताजा दूध वितरित होता है। लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चे मुंह ताकते रह जाते हैं। सूत्रों की माने तो बजट के अभाव में मिल्क पाउडर अटका हुआ है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बजट के वित्त विभाग को प्रस्ताव भी भिजवा रखे है जिन्हे फिलहाल मंजूरी का इंतजार है। इससे हजारों बच्चे योजना से महरूम है।
– जनवरी माह के बाद से आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिल्क पाउडर नहीं आ रहा। कारण तो पता नहीं है लेकिन इससे बच्चों को कुपोषण मुक्त करने में परेशानी होती है।
– जनवरी माह के बाद से आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिल्क पाउडर नहीं आ रहा। कारण तो पता नहीं है लेकिन इससे बच्चों को कुपोषण मुक्त करने में परेशानी होती है।
– नीलम खान, महिला पर्यवेक्षक।