बड़ा सवाल, अंतिम छोर के खेतों की प्यास कैसे बुझेगी?
कोटाPublished: Oct 28, 2021 10:35:56 pm
कोटा सीएडी (कमांड एरिया डवलपमेंट) ने रबी सीजन की फसलों को जीवनदान देने के लिए चम्बल की नहरों में पानी छोड़ दिया है, लेकिन नहरें झाड़-झंकाड़, घास-फूस व कचरा-गंदगी से अटी पड़ी हैं।


बड़ा सवाल, अंतिम छोर के खेतों की प्यास कैसे बुझेगी?
कोटा. सीएडी (कमांड एरिया डवलपमेंट) ने रबी सीजन की फसलों को जीवनदान देने के लिए चम्बल की नहरों में पानी छोड़ दिया है, लेकिन नहरें झाड़-झंकाड़, घास-फूस व कचरा-गंदगी से अटी पड़ी हैं। सवाल यह है कि इस स्थिति में टेल (अंतिम छोर) क्षेत्र तक पानी कैसे पहुंचेगा और किसान अपने खेतों की प्यास कैसे बुझाएंगे? सीएडी ने सोमवार से 500 क्यूसेक पानी नहरों में छोड़ दिया है, जिसे किसानों की मांग को देखते हुए धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
सीएडी ने अधूरी मरम्मत व बिना सफाई के नहरों में जल प्रवाहित कर दिया। ग्रामीण क्षेत्र में नहर की ब्रांचें व माइनर झाडिय़ों से अटी पड़ी हैं। माइनरों की टूटी दीवारों की मरम्मत तक नहीं हुई। इससे टेल क्षेत्र के किसानों को पानी मिल पाएगा या नहीं, इसे लेकर चिंता सताने लगी है।