– 124 किलोमीटर राजस्थान में
– 248 किलोमीटर मध्यप्रदेश में
– 2.29 लाख हैक्टेयर भूमि होती है सिंचित दाईं मुख्य नहर
– 6656 क्यूसेक जल प्रवाह क्षमता
– 7 ब्रांच राजस्थान सीमा में
– 27 डिस्ट्रीब्यूटरी
– 356 माइनर
दाईं मुख्य नहर की सुल्तानपुर माइनर का जीर्णोद्धार के अभाव में बुरा हाल है। किसान जगदीश शर्मा व शिवराज योगी ने बताया कि नहर में उगी झाडिय़ों व घास से नहर पूरी तरह से ढककर गायब हो गई। इतने दिन नहरें बंद रहने के बावजूद सीएडी ने सफाई नहीं कराई। ऐसी हालत में टेल क्षेत्र के किसानों को पानी कैसे मिलेगा। इसी तरह दीगोद क्षेत्र की उम्मेदपुरा वितरिका जगह-जगह टूटी पड़ी है। किसान पवन शर्मा ने बताया कि वितरिकाएं क्षतिग्रस्त होकर माइनर में गिर गई। ऐसे में जल प्रवाह में अवरोध पैदा होगा। जगह-जगह झाडिय़ों व घास उगी पड़ी है।
भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि दाईं मुख्य नहर से ग्रामीण क्षेत्र में निकलने वाली ब्रांचों, माइनरों व वितरिकाओं के बुरे हाल हैं। सीएडी की नाक के नीचे शहर के बीच से निकलने वाली किशनपुरा ब्रांच दुर्दशा की शिकार है। मरम्मत के नाम पर सीएडी व न्यास ने लीपापोती कर दी। थेगड़ा से बोरखेड़ा तक नहर के दोनों हिस्सों की टूटी दीवारों की मरम्मत के नाम पर एक माह पहले सीएडी ने काम शुरू किया, लेकिन कुछ स्थानों पर मरम्मत कर बाकी जगह टूटी पड़ी दीवारों को ऐसे ही छोड़ दिया। इस क्षेत्र में नहर के दोनों ओर कॉलोनी है। इस कारण नहर में कचरे के ढेर लगे पड़े हैं। किसान मोहनलाल नागर ने बताया कि कालातालाब में टूटी पड़ी माइनर पर कुछ जगह मरम्मत कर दी, बाकी को छोड़ दिया।