ब्यूरो के आदेश में पुश्तैनी ज्वैलरी व सोने की हॉलमार्किंग के दिशा निर्देश जारी किए हैं। पुरानी ज्वैलरी की हॉलमार्किंग फीस न्यूनतम 236 रुपए तय की गई है। जिसमें 1 से 6 पीस ज्वैलरी तक की हॉलमार्किंग करवाई जा सकेगी। अभी तक पुराने सोने की कीमत तय करना सर्राफा व्यापारी पर ही निर्भर था और मनचाहा भाव बता दिया जाता था। लेकिन अब सर्राफा व्यापारी ग्राहकों को पुरानी ज्वैलरी का मनचाहा भाव नहीं बता सकेंगे, क्योंकि ग्राहक के पास अब हॉलमार्क और शुद्धता का सर्टिफिकेट होगा।
पुश्तैनी ज्वैलरी व सोना की हॉलमार्किंग करवाने पर ग्राहक से बिल व ज्वैलरी कहां से आई इसके बारे में कोई पूछताछ नहीं की जाएगी। इसके लिए ग्राहक को एक आवेदन पत्र भरकर देना होगा, जिसमें नाम, पता, फोटो, ज्वैलरी का वजन व संख्या लिखनी पड़ेगी। जानकारों ने बताया कि पुरानी ज्वैलरी टांके से बनती थी, ऐसे में उसमें हॉलमार्किग करवाना थोड़ा मुश्किल होगा।
कोटा सर्राफा बोर्ड अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल के अनुसार राज्य में 17 जिलों में 44 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। इनमें 10 सेंटर बंद पड़े हैं। कोटा शहर में दो सेंटर चौथ माता मार्केट में है। इसमें से एक सेन्टर ही चालू है। एक ही सेन्टर होने से समय पर हॉलमार्किग नहीं हो पा रही। कोटा में दो-तीन सेंटर और खुलने हैं, लेकिन राज्य सरकार के प्रदूषण नियमों के कारण स्वीकृति नहीं मिल पा रही।