यह है पूरा मामला जानकारी के अनुसार विगत दिनों भरत पुत्र अमोल सिंह खेत पर सिंचाई करने के लिए गया था। खेत पर जाकर उन्होंने अपनी चना मसूर की फसल को सूखते देखा, लेकिन बेबस किसान क्या करता। उसके खेत पर बने कुएं में पानी भी नहीं था। कुआं सूख चुका था। पानी न मिलने के कारण उसने आत्मघाती कदम उठाया है। बताया गया है कि उसने पहले एक बार फसल बोई थी, मगर वह भी सुख गई। इसके बाद उसने दोवारा फसल की बुबाई की और वह खेत पर फसल में पानी देने गया था, मगर सूखा कुआं देखकर उसका मन विचलित हो गया। जब उसकी पत्नी कुएं पर खाना लेकर पहुंची तो उसने अपने पति को फांसी पर लटकता पाया तो उसके होश उड़ गए। वह शव देख जोर-जोर से चिल्लाने लगी। शोर सुन आसपास के लोग मौके पर एकत्रित हो गए। बताया जाता है कि मृतक किसान के ऊपर लगभग 2 लाख का कर्ज था। कर्ज के बोझ के चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। परिजनों ने बताया कि पुलिस व लेखपाल को घटना की सूचना दी गई, मगर लेखपाल ने मौके तक आने की जहमत भी नही उठाई। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक खेती-किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था।
सूचना के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी नही पहुंचे मौके पर मृतक के परिजनों का आरोप है कि घटना की सूचना तत्काल लेखपाल को फोन पर दी गई, तो लेखपाल ने कहा कि आते हैं, लेकिन मगर पांच घंटे इंतजार करने के बाद भी लेखपाल मौके पर नही पहुंचे। मृतक किसान के परिजनों का कहना है कि यह लेखपाल की भारी लापरवाही है, जब लेखपाल नहीं आये तो पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अब देखने वाली बात यह होगी कि एक किसान की मौत से जिला प्रशासन चेतता है या फिर सूखे के चलते किसान यूं ही मरते रहेंगे।