नगर निकाय चुनाव मतदान के बाद मत पेटिका की सुरक्षा ड्यूटी में एक बार फिर लापरवाही उजागर हुई है। क्या ऐसी ही सुरक्षा की जाती है या फिर पुलिस प्रशासन को सुरक्षा के लिए लगाए गए पुलिस कर्मचारियों के रिकॉर्ड खंगालकर उन्हें ड्यूटी पर लगाया जाना चाहिए था? क्योंकि जो सिपाही ड्यूटी से राइफल व कारतूस समेत गायब हो गया उसकी कार्यप्रणाली पहले से ही संदेह के घेरे में रही है। ताजा मामला जनपद ललितपुर की कोतवाली महरौनी का है जहां पर मतदान खत्म होने के बाद मत पेटिकाओं को स्ट्रांग रूम में रखा गया एवं उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मचारियों की नियुक्ति की गई, मगर वह पुलिस कर्मचारी इतने लापरवाहे निकले कि मत पेटिकाओं की सुरक्षा तो दूर की बात है वह अपनी सुरक्षा भी नहीं कर सकते। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए महरौनी कोतवाली में हेड कॉन्स्टेबल की तहरीर पर एक सिपाही के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
यह है मामला- मतपेटिका सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर सिपाही पर कार्यवाही की गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अगर कोई भी तैनात अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी में कोताही बरतता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाती है। मामला कोतवाली महरौनी का है। यहां एक दरोगा पर आरोप है कि वह राइफल व कारतूस समेत ड्यूटी से फरार हो गया। आपको बतातें चलें कि महरौनी में सुरक्षा ड्यूटी चार आरक्षी कॉन्स्टेबल सनी यादव सचिन अग्निहोत्री, तेज प्रताप व पुष्पेंद्र सिंह को मतपेटी की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। 26 नवंबर की शाम करीब 8 बजे मत पेटीका जमा होने के बाद ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल तेज प्रताप सिंह का पहरा तब्दील करने के लिए 8.30 बजे कांस्टेबल पुष्पेंद्र सिंह की ड्यूटी थी जो कि शराब के नशे में धुत पाया गया, जिसके बदले कांस्टेबल सन्नी यादव को पहरा पर खड़ा किया गया था और कांस्टेबल सचिन अग्निहोत्री की तलाश की गई। पता चला वह राइफल एवं कारतूस लेकर वहां से लापता था। काफी खोजबीन के बाद उसका पता नहीं चल सका। स्ट्रांगरूम की महत्वपूर्ण ड्यूटी से गायब घोर लापरवाही का प्रतीक है जिस पर कार्यवाही सुनिश्चित है।