27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Restless Legs Syndrome: क्या रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (RLS) है पैरों में झुनझुनी, खुजली या दर्द का कारण ?

Restless Legs Syndrome: क्या आमतौर पर आप अपने पैरों में झुनझुनी, खुजली या दर्द जैसी असहज उत्तेजना का अनुभव करते हैं ? क्या ऐसा अक्सर तब होता है जब आप काफी देर से कोई एक्टिविटी नहीं कर रहे हों या फिर आराम कर रहे हों, खासकर शाम या रात में? या फिर आप दिन भर थकान महसूस करते है ? यदि ऐसा है तो इसका कारण रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) हों सकता है। इस आर्टिकल में पढ़िए कैसे सेल्फ केयर और अच्छी नींद से लेकर पॉजिटिव लाइफस्टाइल से कर सकते हैं आरएलएस के सिम्पटम्स का समाधान।

2 min read
Google source verification
rls.jpg

Finding relief from the discomfort of Restless Legs Syndrome (RLS) with lifestyle modifications, relaxation techniques

Restless Legs Syndrome: रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम जिसे RLS (आरएलएस) भी कहते है एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है।इस डिसऑर्डर में लोग अक्सर अपने पैरों में रेंगने, झुनझुनी, खुजली या दर्द जैसी सेंसेशन का अनुभव करते हैं। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब वे या तो आराम कर रहे हैँ या कोई एक्टिविटी किये बिना बैठे हैं। ऐसा विशेष रूप से शाम या रात के समय आराम करते वक़्त होता हैं। ऐसे में पैरों को हिलाने की इच्छा इन सेंसेशंस से कुछ देर तक राहत देती है। RLS (आरएलएस) नींद लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है, जिससे रात को नींद पूरी न होना, बीच नींद में उठ जाना और दिनभर थकान महसूस हो सकती है। इसके सिम्पटम्स कई बार गंभीर हो सकते है और व्यक्ति के क्वालिटी ऑफ़ लाइफ पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है। रेसेअर्चेर्स अभी आरएलएस का एग्जैक्ट कारण ढूंढ रहे हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसमें जेनेटिक और एनवीरोंमेंट/ पर्यावरणीय कारण शामिल हैं। RLS का ट्रीटमेंट करने के लिए लाइफस्टाइल में पॉजिटिव चेंजेज, डॉक्टर की सलाह से दवाएं लेना जरूरी है।


नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स एंड स्ट्रोक में पब्लिश्ड एक आर्टिकल के अनुसार आरएलएस एक स्लीप डिसऑर्डर होने के साथ- साथ मूवमेंट डिसऑर्डर भी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके सिम्प्टम में आराम करने और सोने में तकलीफ होना और छुटकारा पाने के लिए अपने पैरों का मूवमेंट करने के लिए मजबूर होना शामिल है। साथ ही इस डिसऑर्डर के दौरान मूड में बदलाव, थकान और दिन में नींद आना, किसी काम में मन/ध्यान ना लगना, स्ट्रेस और एंग्जायटी महसूस कर सकते हैं।

हालांकि आरएलएस का कोई ठोस इलाज नहीं है लेकिन इसके कुछ सिम्पटम्स का इलाज किया जा सकता है। इसमें प्रभावित अंग को हिलाने से टेम्पररी राहत मिल सकती है। कभी-कभी आरएलएस पेरीफेरल न्यूरोपैथी, डायबिटीज, या आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (शरीर में iron की कमी ) के कारण भी हों सकता है। इन बिमारियों का इलाज करके RLS को नियंत्रित किया जा सकता है।


Lifestyle Changes and Activities for Mild to Moderate RLS:

1. शराब, निकोटीन और कैफीन के सेवन से बचें या इनका इन्टेक कम करें
2. नियमित नींद पैटर्न बदलें या बनाए रखें
3. रोजाना एक्सरसाइज करें
4. पैरों की मालिश करें या गुनगुने पानी से स्नान करें
5. हीटिंग पैड या आइस पैक लगाएं
6. विशेष रूप से आरएलएस डिसऑर्डर वाले लोगों के लिए डिज़ाइन किए गए फुट रैप्स (wraps) या पैरों के पिछले हिस्से में वाइब्रेशन पैड्स का उपयोग करें
7. एरोबिक एक्सरसाइज और लेग-स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें

यह भी पढ़ें: जीवनशैली में बदलाव से बनाएं हड्डियों को मजबूत और फ्लेक्सिबल