
जेल में मुख्तार अंसारी से लोग मिलने आए थे। जेलर एसके अवस्थी ने तलाशी लेने का आदेश दे दिया था। तब उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी।
मामला साल 2003 का है। मुख्तार पर आरोप लगे कि उन्होंने लखनऊ जेल के जेलर एसके अवस्थी को जान से मारने के धमकी दी है। जिसमें लखनऊ हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए मुख्तार पर लगे आरोप को सही माना और उनको 7 साल की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने इसी मामले में मुख्तार को बरी कर दिया था।
पूरा मामला इस तरह से है…
मुख्तार ने तलाशी लेने पर जेलर को धमकी दी थी
साल 2003 में मुख्तार लखनऊ जेल में थे। उस समय जेलर एसके अवस्थी थे। जेल में मुख्तार अंसारी से लोग मिलने आए थे। जेलर एसके अवस्थी ने तलाशी लेने का आदेश दे दिया था। तब उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मुख्तार ने पिस्तौल तान दी थी।
निचली अदालत ने कर दिया था बरी
इस घटना के बाद आलमबार थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था। जिसके खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील की थी। और लखनऊ हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी।
Updated on:
02 Jan 2023 10:22 pm
Published on:
02 Jan 2023 02:28 pm
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