लखनऊ

प्रबुद्धजन सम्मेलन से भाजपा को फायदा या नुकसान? यहां समझिए पूरा गणित

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में लग गए हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिए जनता से संवाद स्‍थापित कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मनोज शर्मा ने इसके फायदे और नुकसान बताए हैं। आइए समझते हैं…

लखनऊApr 04, 2024 / 09:00 pm

Ritesh Singh

Lok Sabha election

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में लग गए हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिए जनता से संवाद स्‍थापित कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मनोज शर्मा कहते हैं “अमूमन चुनाव के दौरान राजनीतिक दल बड़ी-बड़ी रैलियां-महारैलियां, रोड शो, रथयात्रा, पदयात्रा और नुक्कड़ सभाएं करते हैं, लेकिन बीते कुछ सालों से सोशल मीडिया के जरिए भी प्रचार ने तेजी पकड़ी है। इसके साथ यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रबुद्ध जन सम्मेलन कर रहे हैं। इन्हें ‘ओपिनियन लीडर्स’ भी कहा जाता है। ये वही समूह है जो सदियों से समाज के व्यवहार को प्रभावित करने की सबसे ज्यादा क्षमता रखता है।”
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उन्होंने बताया “डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, लेखक, शिक्षक, प्रोफेसर्स, चार्टेड अकाउंटेंट, बड़े उद्यमी, व्यापारी वर्ग एवं अन्य प्रोफेशनल्स, जिसे समाज में शिक्षित और पढ़ा-लिखा वर्ग माना जाता है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि ये समाज ही चुनाव, खासकर मतदान के दिन सबसे अधिक निष्क्रिय रहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब इसी समाज को जगाकर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को साधने में जी-जान से जुटे हुए हैं।”

मनोज शर्मा ने बताया कि इस प्रबुद्ध जन सम्मेलन का भाजपा को पहले भी फायदा मिला है। संवाद का ये अनोखा प्रयोग भाजपा ने बीते साल हुए नगरीय निकाय चुनावों के दौरान किया था। जिसका फायदा बीजेपी को मिला और सभी 17 नगर निगमों में महापौर के अलावा 89 नगर पालिका और 191 नगर पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी पार्टी ने अपने खाते में दर्ज करा ली थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर प्रदेश के प्रबुद्धजनों के जरिए ‘मिशन 80’ के लक्ष्य को पूरा करने की कवायद कर रहे हैं।
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सीएम योगी ने 27 मार्च से 4 अप्रैल तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जनपदों में जाकर लाखों की संख्या में प्रबुद्धजनों से संवाद स्थापित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओपिनियन लीडर्स के समूह को जनता के बीच जाकर मताधिकार के लिए जागरूक करने का आह्वान किया है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री का सर्वाधिक फोकस इस बात पर है कि जनता अपने एक-एक वोट की ताकत को समझे और ज्यादा से ज्यादा मतदान करे।

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