क्यों महंगा हो रहा है ईंट ? यूपी को हर साल 12 लाख टन कोयला देने की बात तय हुई थी, लेकिन पिछले चार वर्षों में 76 हजार टन कोयला ही मिला है। जबकि विदेश से आने वाला कोयला बहुत ज्यादा महंगा हो चुका है। जिससे मांग बढ़ी हुई है लेकिन सप्लाई बहुत धीमी है या फिर जो आ रही है वो बहुत ज्यादा महंगी है। इसलिए लगातार कोयले के दाम बढ़ रहे हैं। वहीं ईंटों को पकाने मे कोयले की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी वजह से ईंट भी महंगी होती जा रही है।
महंगे कोयले पर क्या कहता है ईंट व्यापारियों का संगठन महंगे होते जा रहे कोयले को देखते हुए यूपी ब्रिक्स एसोसिएशन का कहना है कि, कोयला का भाव 350 % तक बढ़ाया गया है, जिसकी ज़िम्मेदारी सीधे तौर पर सरकार की है। अब जबकि श्रमिक संविदा पर 5 फीसदी से 12 फीसदी GST बढ़ा दिया गया है।
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राक्षसों से भी बदतर बन गया जीजा, 5 साल की बच्ची से रेप, पुलिस अधिकारी भी रो पड़े साथ ही थर्मल पावर प्लांट के फ्लाई ऐश यानी अवशिष्ट राख से ईंट बनाने के लिए केंद्र सरकार नई गाइड लाइन ला रही है। जिस पर GST कम कर दिया गया है। ऐसे में सीधे तौर पर कोयले का दाम बढ़ाकर ईंट भट्टो पर जीएसटी बढ़ाना एक रणनीति है। जिससे महंगाई बढ़ रही है। ‘दूसरी तरफ निर्देशिका जारी कर दी गई कि 20 हजार वर्ग फुट से ज्यादा के भवन निर्माण तथा सरकारी निर्माण कार्य में राख की बनी ईंट का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।’
सरकार के विरोध में ईंट भट्टे बंद करने का फैसला
ब्रिक्स एसोसिएशन ने राज्य और देश में एक साल तक ईंट भट्ठे बंद कर हड़ताल का फैसला किया है। यूपी में अक्तूबर 2022 से सितंबर 2023 तक ईंट भट्ठे बंद रखने और देश में हड़ताल करने का फैसला लिया गया है।
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UP में मंकी पॉक्स: सरकार की तैयारी तेज, KGMU, PGI में जांच, औरैया, गाजियाबाद में मरीज.. बता दें कि राज्य में 19 हजार ईंट भट्ठे हैं, जो एक वर्ष तक बंद रहेंगे। इसका सीधा असर मकान बनवाने वालों पर पड़ेगा। यानी आने वाले वक़्त में ईंट के भाव आसमान छू सकते हैं।