आरोप है कि अधिवक्ता ने सभी अस्थाई शिक्षकों को आश्वासन दिया कि कम लागत में जल्द उन्हें परमानेंट करवा सकता है। झांसे में आए 24 शिक्षकों ने अधिवक्ता को 72 लाख रुपये दे दिए थे, लेकिन वह नियमित नहीं हो पाए।
अस्थाई शिक्षकों ने आरोपियों को 72 लाख की रुपये दे दिए थे। काफी समय बीतने के बाद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो शिक्षकों ने रुपये वापस लौटाने की मांग की। आरोपी ने उन्हें दस लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन बैंक से भुगतान नहीं हुआ। कोतवाल अरुण कुमार के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
शिक्षक पर ही लगा दिया आरोप
अधिवक्ता महेंद्र की सहायक प्रतीक्षा ने पिछले साल 23 सितंबर को एक शिक्षक पर ही महिला से दुर्व्यहार का आरोप लगा दिया था। महिला ने अल्मोड़ा पुलिस को शिकायती पत्र सौंपा था।