scriptविजिलेंस ने बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले में 6 आरोपियों के खिलाफ की चार्जशीट दाखिल, बड़े पैमाने पर हुआ था सरकारी धन का दुरुपयोग | charge sheet against six accused in memorial scam under BSP government | Patrika News
लखनऊ

विजिलेंस ने बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले में 6 आरोपियों के खिलाफ की चार्जशीट दाखिल, बड़े पैमाने पर हुआ था सरकारी धन का दुरुपयोग

सपा सरकार के दौरान हुए चर्चित स्मारक घोटाले में छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। चार्जशीट विजिलेंस ने एमपी एमएलए कोर्ट में की है। बसपा सरकार के दौरान स्मारकों के निर्माण में हुई वित्तीय अनियमितताओं की लोकायुक्त संगठन से जांच हुई थी, जिसके बाद तत्कालीन सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी थी।

लखनऊOct 19, 2020 / 09:41 am

Karishma Lalwani

विजिलेंस ने बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले में छह आरोपियों के खिलाफ की चार्जशीट दाखिल, ईडी भी कर रही मामले की जांच

विजिलेंस ने बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले में छह आरोपियों के खिलाफ की चार्जशीट दाखिल, ईडी भी कर रही मामले की जांच

लखनऊ. बसपा (BSP) सरकार के दौरान हुए चर्चित स्मारक घोटाले में छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। चार्जशीट विजिलेंस ने एमपी एमएलए कोर्ट में की है। बसपा सरकार के दौरान स्मारकों के निर्माण में हुई वित्तीय अनियमितताओं की लोकायुक्त संगठन से जांच हुई थी, जिसके बाद तत्कालीन सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी थी। लोकायुक्त की रिपोर्ट में कहा गया था कि सबसे बड़ा घोटाला पत्थर ढोने और तराशने के काम में हुआ है। जांच में कई ट्रकों के नंबर दो पहिया वाहनों के निकले थे। विजिलेंस ने भूतत्व व खनिकर्म विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक सुहैल अहमद फारुखी, यूपी राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन इकाई प्रभारी अजय कुमार, एसके त्यागी, होशियार सिंह तरकर, कंसोर्टियम प्रमुख पन्नालाल यादव, अशोक सिंह के खिलाफ सरकारी सेवा में रहते हुए अमानत में खयानत, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण की धाराओं में आरोपी ठहराते हुए चार्जशीट दाखिल की है। विजिलेंस के अलावा ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है।
यह है पूरा मामला

2007 से 2012 तक अपने कार्यकाल के दौरान मायावती ने कई स्मारकों की स्थापना कराई थी। मायावती ने लखनऊ-नोएडा में अम्बेजकर स्मारक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, ईको पार्क, गौतमबुद्ध उपवन, रमाबाई अम्हेडकर मैदान और स्मृति उपवन समेत पत्थरों के कई स्मारक बनवाए थे। इन स्मारकों पर सरकारी खजाने से 41 अरब 48 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। आरोप था कि इन स्मारकों के निर्माण में बड़े पैमाने पर घपला कर सरकारी रकम का दुरुपयोग किया गया है। सत्ता परिवर्तन के बाद इस मामले की जांच यूपी के तत्कालीन लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा को सौंपी गई थी। लोकायुक्त ने 20 मई 2013 को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में 14 अरब, 10 करोड़, 83 लाख, 43 हजार का घोटाला होने की बात कही थी। वहीं, लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट में कुल 199 लोग आरोपी माने गए थे। इसमें तमाम विधायक और अफसर शामिल थे।
अखिलेश सरकार ने विजिलेंस को सौंपी थी जांच

तब की अखिलेश सरकार ने लोकायुक्त द्वारा इस मामले में सीबीआई या एसआईटी जांच कराए जाने की सिफारिश को नजरअंदाज करते हुए जांच सूबे के विजिलेंस डिपार्टमेंट को सौंप दी थी। विजिलेंस ने एक जनवरी साल 2014 को गोमती नगर थाने में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 119 नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी।

Home / Lucknow / विजिलेंस ने बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले में 6 आरोपियों के खिलाफ की चार्जशीट दाखिल, बड़े पैमाने पर हुआ था सरकारी धन का दुरुपयोग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो