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सिरोही

बैंकों के आगे ग्राहकों की कतार

दोपहर तक ग्राहक नए नोट लेने के लिए काफी उत्साहित नजर आए, पर कई शाखाओं में चार बजे तक भी नए नोट नहीं पहुंचने पर उन्हें सौ के नोट ही लेकर लौटना पड़ा। कई शाखाओं में लंच के बाद नए नोट सप्लाई किए गए, जबकि छोटी शाखाओं में चार बजे तक भी नए नोट सप्लाई नहीं हुए थे।

सिरोहीNov 11, 2016 / 08:50 am

vivek

Banks further customer queue

Banks further customer queue

 प्रधानमंत्री में पांच सौ व एक हजार रुपए का नोट बंद होने का असर दूसरे दिन गुरुवार को भी देखने को मिला। शहर की विभिन्न बैंको की शाखाओं में सुबह से ही ग्राहकों की अपनी पुरानी पांच सौ व हजार की नोट बैंक में जमा करवाने व बदलवाने को लेकर कतार लगी रही। सुबह बैंक खुलने के साथ ही ग्राहकों में पुराने नोट बदलवाने व नए नोट लेने की होड़ मच गई, हालांकि बैंक के बाहर तैनात पुलिसकर्मी व बैंककर्मियों ने व्यवस्था सम्भाली और एक-एक ग्राहक के नोट जमा किए। केसरगंज, बैंक कॉलोनी, पुलिस थाने के पास बस स्टैण्ड के सामने, तलहटी, पारसीचाल, शांतिकुंज के पास स्थित बैंकों में लोगों की कतार लगी रही। अधिकतर ग्राहक तो नोट जमा करने के लिए आईडी लेकर पहुंचे, लेकिन कुछ ग्राहक जानकारी के अभाव में काफी देर कतार में लगे रहने के बाद आईडी के लिए दौड़ लगाने लगे। इनमें आदिवासी क्षेत्र की महिलाएं व पुरुष भी शामिल थे। ग्राहकों ने नोट बदलवाने के लिए निर्धारित स्लीप भरकर कतार में खड़े रहे।
सुबह 11.30 बजे
सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक कई बैंक शाखाओं में ग्राहकों की भीड़ रही। कई बैंकों ने पहले पैसे जमा करवाने वाले ग्राहकों को अंदर बुलाया। इसके बाद नोट बदलवाने व आहरण करने वाले ग्राहकों को शाखा में आने दिया गया। कई शाखाओं में सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक पांच सौ व दो हजार के नए नोट नहीं पहुंचने से बैंक कर्मचारियों ने स्टॉक से सौ के नोट लोगों को मुहैया कराए। जिन शाखाओं में नकद कोष कम था व लोगों की भीड़ ज्यादा होने पर प्रति ग्राहक दो या तीन हजार रुपए के नोट सौ रुपए की नोट से बदलकर दिए गए।
शाम चार बजे
दोपहर तक ग्राहक नए नोट लेने के लिए काफी उत्साहित नजर आए, पर कई शाखाओं में चार बजे तक भी नए नोट नहीं पहुंचने पर उन्हें सौ के नोट ही लेकर लौटना पड़ा। कई शाखाओं में लंच के बाद नए नोट सप्लाई किए गए, जबकि छोटी शाखाओं में चार बजे तक भी नए नोट सप्लाई नहीं हुए थे। नए नोट नहीं मिलने तक लोगों को सौ के नोट ही दिए गए।
इन्होंने बताया …
नए नोट आने तक ग्राहकों को सौ के नोट देकर भेजा गया। बैंक के पास पर्याप्त कोष होने से खास परेशानी नहीं आई। आहरण की सीमा (दस हजार रुपए) तक लोगों को भुगतान किया गया।
– के.एल. कुमार, शाखा प्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा
नए नोटों की सप्लाई तो आज ही होनी थी, पर चार बजे तक सप्लाई नहीं हुए। ऐसे में लोगों की भीड़ अधिक होने व नगद कोष सीमित होने से प्रति ग्राहक तीन हजार रुपए ही बदलकर दिए गए।
– बीएल रैगर, शाखा प्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पारसीचाल।
जरूरत से ज्यादा सामग्री लेने की मजबूरी
 प्रधानमंत्री की ओर से पांच सौ तथा हजार के नोट बंद करने की घोषणा के बाद कई महिलाओं के पास संचित कोष, जो पतियों के कपड़े धोने एवं घरेलू सामान लाने के दौरान बचत कर जमा की गई राशि भी अब सामने आ रही हैं। कई महिलाएं तो अपने परिवार जनों से अभी भी पूरी राशि का खुलासा नही कर रही हैं, तो कई महिलाएं पांच सौ के नोट को बदलवाने के लिए जरूरत से ज्यादा सामग्री खरीदती नजर आ रही है। बुधवार रात को बाजार में कई महिलाएं पांच सौ एवं हजार के नोट लेकर खरीदारी करने निकली थी, ऐसे में महिलाओं ने कपड़े व अन्य सामग्री खरीदी। उधर, पांच सौ के नोट को लेकर व्यापारी आवश्यकता से ज्यादा सामान भी बेचने लगे। इसमें नमकीन, तिल के गजक, मिष्ठान तथा अन्य खाद्य सामग्री को दो-तीन किलो की खरीदारी की गई, तब जाकर हजार व पांच सौ के खुल्ले पैसे मिले। पेट्रोल पम्प पर भी कई व्यवसाइयों ने पांच सौ रुपए वाले उपभोक्ताओं को तीन सौ से नीचे का पेट्रोल नहीं दिया।
आभूषणों की डिमांड
महिलाओं के पास से बीस हजार या उससे अधिक की राशि निकलने पर नए आभूषण लेने की डिमांड चली तो कई महिलाओं ने मोबाइल एवं अन्य सामग्री की खरीदारी की। कई महिलाएं के पास आज भी पांच सौ एवं हजार के नोट पड़े हुए है, लेकिन वे इतनी राशि पति के सामने लाए भी तो कैसे। कई महिलाएं तो अपने ससुराल व पीहर में मोबाइल से पांच सौ तथा हजार की नोट नहीं लेने व नोट होने पर बैंक में जमा करवाने को लेकर जागरूक कर रही है।

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