प्रदेश सरकार की कमान संभालते ही सीएम सबसे ने सबसे पहली कार्रवाई 19 मार्च 2017 को की थी। – 19 मार्च 2017 को अनुशासनहीनता के चलते आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को निलंबित कर दिया था। कुमार ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर यादवों के तबादले का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट किया था। इसी के चलते यह कार्रवाई की गई।
ये भी पढ़ें- 6 माह की गर्भवती ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म, बनीं पांच बच्चों की मां… – 24 मई, 2017 को सुभाष चंद्र दुबे को सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा को न रोक पाने के चलचे निलंबित किया गया था।
– 16 जुलाई 2018 को दो पुलिस कप्तानों को निलंबित किया गया था। संभल के एसपी रहे आरएम भारद्वाज व प्रतापगढ़ के एसपी रहे संतोश कुमार सिंह को जिलों में बिगड़ी कानून व्यवस्था के चलते सस्पेंड कर दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी निर्देश दिए थे।
– 15 अगस्त 2018 को देवरिया शेल्टर होम में यौन उत्पीड़न और शोषण के मामले एसपी रोहन पी कनय के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। – 19 फरवरी 2019 को एडीजी (नियम और नियमावली) जसवीर सिंह को अनुशासनहीनता के चलते सस्पेंड कर दिया था।
ये भी पढ़ें- खौफनाकः चलती बस में यात्री का सिर हुआ धड़ से अलग, यात्रियों में मची चीख पुकार – 4 अप्रैल 2019 को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सीएम ने बाराबांकी के एसपी सतीश कुमार को 65 लाख रुपए की वसूली के आरोप में निलंबित कर दिया था।
– 3 अगस्त 2019 को बुलंदशहर के एसपी रहे एन कोलंची को थानों के इंचार्ज के तबादले व पोस्टिंग में कथित घोर अनियमितताओं के आरोप में सस्पेंड किया था। – 20 अगस्त 2019 को कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए प्रयागराज से एसएसपी अतुल शर्मा को निलंबित कर दिया गया था।
– 10 जनवरी 2020 को मुख्यमंत्री ने सबसे पहले एसएसबी गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्णा को दुराचार के आरोप में निलंबित किया गया। – 24 जुलाई 2020 को अपहरण व हत्या के मामले में ढिलाई बरतने के लिए कानपुर नगर साउथ की एसपी रहीं अपर्णा गुप्ता को सस्पेंड किया गया था।
– 25 अगस्त 2020 में सरकार ने दो आईपीएस अधिकारी – दिनेश चंद्र दुबे पुलिस DIG (नियम और नियमावली) और अरविंद सेन DIG PAC आगरा को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया था।
– 8 सितंबर, 2020 को प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित व महोबा के एसपी मनीलाल पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया गया।