scriptफिर बढ़ सकता है बिजली का बिल, प्राइवेट कंपनियाँ करने जा रही केस, जानिए कितना बढ़ सकता है दाम | electricity bill may increase in uttar pradesh power companies planing to case on UPPCL | Patrika News
लखनऊ

फिर बढ़ सकता है बिजली का बिल, प्राइवेट कंपनियाँ करने जा रही केस, जानिए कितना बढ़ सकता है दाम

उत्तर प्रदेश में सस्ती बिजली का आनंद ले रहे लोगों के लिए अब थोड़ी मुश्किल हो सकती है, क्योंकि प्राइवेट बिजली कंपनियाँ रेट बढ़ाने के लिए अब केस करने जा रही है। इससे बिजली के दाम भी बढ़ सकते हैं। हालांकि ये केस में सुनवाई और उसके बाद फैसले पर ही डिपेंड होगा। वहीं बिजली कंपनियों के साथ काम करने वाले एक अधिकारी के मुताबिक वर्तमान Electricity Bill Tariff में ही लगभग 8 से 12 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग कंपनियाँ कर रही हैं, लेकिन इंकार कर दिया गया था। जिसके बाद से ही ये केस करने की बातें चर्चा में आई हैं।
 

लखनऊSep 13, 2022 / 01:52 pm

Dinesh Mishra

Symbolic Photo of Bijli ka Bill

Symbolic Photo of Bijli ka Bill

बिजली बिल के निर्धारण के खिलाफ “एपिलेट ट्रिब्यूनल नई दिल्ली” में केस दर्ज कराने जा रही है। इसमें कहा गया है कि, उत्तर प्रदेश नियामक आयोग की ओर से जुलाई में नए टैरिफ प्लान को जारी किया गया था, जिससे बिजली के दाम में उपभोक्ताओं के लिए ‘स्लैब रेट’ कम किया गया था। जिससे कंपनियों को नुकसान हो रहा है। ऐसे में बिजली के दाम बढ़ाए जाएँ।
यूपी विद्युत नियामक आयोग के फैसले के खिलाफ बिजली कंपनियों ने जो केस किया है, उससे प्रदेश में बिजली दर बढ़ाने की चर्चाएँ तेज हो चुकी हैं। खुद ऊर्जा मंत्री भी इस बात को लेकर जल्द ही एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। जिससे बीच का रास्ता निकालने पर चर्चा हो सकती है। हालांकि उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा साफ कहते हैं कि, ये उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ है। इसका हम हर स्तर पर विरोध करेंगे। बिजली कंपनियाँ सरकार के खिलाफ केस करें या विभाग के खिलाफ केस करें, इसमें जनता का क्या दोष? वो तो हर बात का टैक्स देती है, बिल चुकती है। अब ऊर्जा मंत्री और सरकार को तय करना चाहिए की क्या करना है।

उपभोक्ता परिषद भी दायर कर रहा “लोक महत्व याचिका”

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि, जनता से जबरन अधिक बिल की वसूली और कई अन्य मदों में अधिक पेमेंट लिया जाता है। ऐसे में जनता को और सुविधाएं और सस्ती बिजली मिलनी चाहिए।
उपभोक्ता परिषद का दावा है कि, उपभोक्ताओं का करीब 22,045 करोड़ रु बिजली कंपनियों पर ही निकल रहा है। ऐसे में बिजली दर को आगामी 6 साल तक कम करके और सहूलियत दी जा सकती है। अगर प्लान करके काम करें तो 5 से 7 प्रतिशत तक बिजली के बिल को और कम किया जा सकता है। लेकिन बिजली कंपनियाँ ज्यादा मुनाफे के लिए कुछ भी करने पर उतारू हैं। इसी वजह से हमने अब लोक महत्व याचिका दायर करने का मन बना लिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो