संस्था विश्वविद्यालय में इनोवेशन सेंटर का संचालन करेगी। इसके लिए करीब पांच हजार स्क्वायर फीट जगह की जरूरत पड़ेगी। यह जगह विश्वविद्यालय उपलब्ध कराएगा। साथ ही सेंटर में लगने वाले टूल्स, मशीन, कंप्यूटर सहित अन्य सामग्री भी विश्वविद्यालय की ओर से दी जाएगी। संस्था की ओर से सेंटर में मैनपावर के साथ ही ट्रेनिंग कराने के लिए विशेषज्ञों की तैनाती की जाएगी। ये विशेषज्ञ छात्रों को डिजाइन थिंकिंग, रोबोटिक्स, डाटा एनालिसिस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ट्रेनिंग देंगे।
विश्वविद्यालय के संबद्ध संस्थानों की संख्या साढ़े सात सौ से ज्यादा है। जिनमें काफी संख्या में छात्र विभिन्न कोर्स की पढ़ाई करते हैं। ऐसे में इन छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से यह पहल की जा रही है। इनोवेशन सेंटर में शुरुआती दौर में करीब दो हजार छात्रों को हर साल प्रशिक्षित किया जाएगा। यह स्किल डेवलपमेंट कोर्स 60 घंटे का होगा। जिसमें 30 घंटे थ्योरी तो 30 घंटे हैण्डसन कराया जाएगा। कोर्स पूरा होने के बाद प्रशिक्षित छात्र किसी आइडिया का प्रोटोटाइप प्रस्तुत करेंगे। प्रशिक्षित छात्र उद्योगों में तो जाएंगे ही साथ ही अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकेंगे।