यह आदेश प्रदेश के सभी मंदिरों पर प्रसाद बेचने वाले सभी दुकानदार पर भी लागू होगा। लाइसेंस लेकर मंदिरों पर प्रसाद बेचने से प्रसाद के नाम पर ठगी करने व गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लग सकेगा। मथुरा, वृंदावन ठाकुर जी व लखनऊ का मनकामेश्वर मंदिर, हनुमान सेतु, चन्द्रका देवी मंदिर का प्रसाद तैयार करने, पेडे प्रसाद बांटने एवं बेचने वालों के लिए लाइसेंस बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। औद्योगिक प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त ने कहा कि कुछ फुटकर एवं अस्थाई प्रसाद विक्रेता ऐसे हैं जिनके पास किसी तरह का कोई लाइसेंस नहीं है, इतना ही नहीं मथुरा, वृंदावन, लखनऊ के प्रमुख मंदिरों में प्रसाद बनाया जाता है। यहां प्रसाद भक्तों को टोकरी में दिया जाता है। द्वारकाधीश मंदिर में तो बकायदा रसीद कटती है या प्रसाद भक्तों को बेचा जाता है। मथुरा वृंदावन गोवर्धन में आए दिन छप्पन भोग के आयोजन होते हैं। यह सामान भी हलवाईयों द्वारा तैयार किया जाता है। ब्रज में ऐसा करने वाले किसी भी मंदिर पर प्रसाद निर्माण का लाइसेंस नहीं है। अब उनको यह लाइसेंस बनवाना होगा। इस आदेश से मंदिर संचालकों में खलबली मची हुई है।