scriptगन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 12 हजार करोड़ बकाया, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब | High Court seeks up govt reply on sugarcane farmers dues | Patrika News
लखनऊ

गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 12 हजार करोड़ बकाया, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

जनहित याचिका पर चार अगस्त को होगी अगली सुनवाई, सरकार का दावा किसानों को रिकॉर्ड भुगतान किया

लखनऊJul 07, 2021 / 05:58 pm

Hariom Dwivedi

High Court seeks up govt reply on sugarcane farmers dues
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। नोएडा के वकील पुनीत कौर ढांडा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करते हुए कहा कि मौजूदा समय में चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है। सरकार इसका भुगतान कराये। जनहित याचिका पर मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी।
वकील पुनीत कौर ढांडा द्वारा दायर याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया था, अधिकारियों को गन्ना किसानों का वह बकाया भुगतान जारी करने का निर्देश दिया जाये जो यूपी की चीनी मिलों के पास साल 2019-20 और 2020-21 के लिए लंबित है। याचिका में कहा गया कि मौजूदा समय में चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। ब्याज जोड़ने पर यह राशि लगभग 15,000 करोड़ रुपये हो जाती है। पुनीत कौर ढांडा की ओर से पेश हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत ढांडा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान पीड़ित हैं। मीडिया रिपोर्ट्स पढ़ने के बाद किसानों को बकाया भुगतान की मांग को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
यह भी पढ़ें

जमा करें सिर्फ 50 हजार रुपए और पाएं 3300 रुपए की पेंशन, मैच्योरिटी पर मूलधन भी होगा वापस



लागत बढ़ रही है, सैप बढ़ाया जाये
जनहित याचिका में अनुरोध किया गया कि लगातार किसानों की लागत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अदालत यूपी में गन्ने के लिए स्टेट एडवाइस्ड प्राइस (सैप) को तीन सीजन के लिए बढ़ाने का निर्देश दे। याचिका में कहा गया है कि गन्ना मूल्य के भुगतान में हो रही देरी और आज की जरूरत के मुताबिक सैप में संशोधन नहीं करना किसानों की मुसीबत और बढ़ा रहा है। बता दें कि राज्य सरकार भी अपनी ओर से किसानों के लिए गन्ने का दाम तय करती है। इसे सैप कहा जाता है।
सरकार का दावा- चार साल में रिकॉर्ड भुगतान किया
उत्तर प्रदेश में गन्ना भुगतान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। गन्ना किसान बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं। कई जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्षी दल भी सरकार को घेर रहे हैं। वहीं, राज्य सरकार का दावा है कि पेराई सीजन 2019-20 का शत-प्रतिशत भुगतान हो चुका है और वर्तमान पेराई सत्र के बकाया भुगतान भी जल्द करवाने के लिए चीनी मिलों पर लगातार दवाब बनाया जा रहा है। जो चीनी मिलें भुगतान नहीं करेंगी उनकी आरसी जारी होगी।
यह भी पढ़ें

संतोष गंगवार ने क्यों दिया मोदी कैबिनेट से इस्तीफा, कभी यूपी में सीएम पद के थे दावेदार

सरकार का दावा है कि चार साल में योगी सरकार ने किसानों को 1 लाख 40 हजार करोड़ किसानों को गन्ना का भुगतान किया है। अधिकारियों का दावा है कि 10 वर्षों (2007 से 2017) में गन्ना किसानों को जितना भुगतान था, योगी सरकार ने सिर्फ 4 साल में कर दिखाया है। इतना ही नहीं, चीनी एक्सपोर्ट बंद होने के बाद भी गन्ने का भुगतान किया जाता रहा। कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था, चीनी मिल चलती रहीं।
वर्ष-भुगतान प्रतिशत- रकम लाख में
2017-18 63 63824.22
2018-19 64 59792.39
2019-20 63 69777.32
2020-21 75 78868.89

यह भी पढ़ें

अनुप्रिया, कौशल और बघेल समेत 7 दिग्गजों को मोदी कैबिनेट में मिली जगह, जातीय समीकरण पर फोकस



Home / Lucknow / गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 12 हजार करोड़ बकाया, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो