अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ के महानिदेशक वीरेंद्र कुमार के मुताबिक एसी थर्ड टियर कोच पर अनुसंधान के लिए इस साल बजट में 85.65 करोड़ रुपए मिला है। जबकि, पिछले साल 70 करोड़ रुपए मिले थे। आरडीएसओ के बजट में इस साल 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
केबिन थोड़ी होगी छोटी
ट्रेनों में भीड़-भाड़ कम करने और वेटिंग समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए थर्ड एसी बोगी में 72 की जगह 83 सीटें होगीं। 83 सीटों की कोच बनाने के लिए केबिन को पहले की तुलना में थोड़ा छोटा किया गया है। वहीं बेड रोल रखने वाली जगह को भी सीट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। नए कोच की डिजाइन से प्रत्येक ट्रेन में 220 अधिक यात्री अधिक सफर कर सकेंगे। नयी तकनीक में डिब्बों के आकार में कोई बदलाव नहीं होगा।
अप्रूवल के लिए लखनऊ आएंगे सभी एसी कोच
रेल मंत्रालय के आदेश पर पंजाब के कपूरथला रेल कोच फैक्टरी में 83 सीटों वाले डिब्बों को बनाने का काम शुरू हो गया है। डिब्बे बनने के बाद अप्रूवल के लिए आरडीएसओ आ रहे हैं। आरडीएसओ इनका ट्रायल कर रहा है। यहां से अनुमति मिलते ही तेजी से कोच बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
कई अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम
ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए आरडीएसओ के ट्रेन कोलिजन एवॉयडेंस सिस्टम (टीकास) को मंजूरी दी गयी है। हाईस्पीड ट्रेनों सहित रोलिंग स्टाक के ट्रायल के लिए आरडीएसओ जोधपुर से जयपुर तक डेटीकेटेड टेस्ट कॉरिडोर पर काम कर रहा है। टीकास सिस्टम, टेलीमेट्री सिस्टम के अलावा आरडीएसओ एंड ऑफ ट्रेन टेलीमेट्री (ईओटीजी) पर भी काम कर रहा है। यह सिस्टम मालगाड़ी के गार्ड वैगन में लगेगा। इससे मालगाड़ी बिना गार्ड के दौड़ सकेगी।