15 हजार मकान और फ्लैट खाली आपको बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) (LDA) और आवास विकास परिषद (Avas Vikas Parishad) के करीब 15 हजार मकान खाली पड़े हैं। इनके खरीदार नहीं मिल रहे हैं। दोनों विभाग ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर भी इन्हें बेच रहे हैं। फिर भी नहीं बिक रहे हैं। कीमतें ज्यादा होने की वजह से लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अकेले एलडीए के लखनऊ (LDA Lucknow Flats) में करीब 3800 फ्लैट खाली हैं। जबकि आवास विकास परिषद के प्रदेश भर में गरीब 11 हजार मकान व फ्लैट खाली पड़े हैं। विकास प्राधिकरणों और आवास विकास के फ्लैटों की कीमतें कम करने के सम्बंध में प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने निर्देश जारी कर दिया है।
इस तरह कम होंगी फ्लैट और मकानों की कीमतें – मकानों की कीमतें निर्धारित करते समय आवास विकास परिषद और प्राधिकरण 5 प्रतिशत कंटंजेंसी लेते हैं। शासन ने घटाकर तीन प्रतिशत करने को कहा है।
– मकान की कीमतों में 12 प्रतिशत प्रशासनिक चार्ज और सेंटेंस लगाया जाता है। इसे भी कम कर 7 प्रतिशत किया जाएगा। – अभी मकानों और फ्लैटों की कीमतें निर्धारित करते समय पूरी अवधि पर 16 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। इससे फ्लैट की कीमत काफी बढ़ जाती है। इसे घटाकर 8 प्रतिशत करने का निर्देश हुआ है।