प्रशांत श्रीवास्तव. लखनऊ. फिल्म ‘स्वदेश’ में एनआरआई बने शाहरुख खान की कहानी तो देखी होगी आपने। कुछ इसी तरह का ख्वाब पांच मेडल पाने वाली दीप्ति नारायण का भी है। लखनऊ यूनिवर्सिटी की एमएसडब्लू (मास्टर्स इन सोशल वर्क) छात्रा दीप्ती नारायण अपने गांव लौटकर छात्रों के लिए स्कूल खोलना चाहती हैं। वह गोरखरपुर के गहिरा गांव की रहने वाली हैं। कहते हैं कि मजबूत इरादे वालों को उनकी मंजिल मिल ही जाती है। लखनऊ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मेडल पाने वाली दीप्ती के चेहरे की खुशी भी यहीं बयां कर रही थी।
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गांव लौटकर खोलेंगी स्कूलदीप्ती के मुताबिक एजुकेशन सेक्टर में सबसे ज्यादा सुधार की जरूरत है। उनके मुताबिक कई छात्र सोशल वर्क की पढ़ाई करने के बाद किसी एनजीओ में नौकरी करने लग जाते हैं, लेकिन उनका ख्वाब जमीनी स्तर पर कुछ बदलाव लाना है।इसलिए वह अपने गांव लौटकर गरीब बच्चों के लिए स्कूल खोलना चाहती हैं। ताकि वह छात्र अच्छी शिक्षा पा सकें और दूसरों को भी प्रेरणा दे सकें। उनके पिता भी पेशे से शिक्षक हैं।
इस कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोंसले मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। वहीं गर्वनर राम नाईक भी इस दौरान मौजूद रहे। एलयू के 59वें दीक्षांत समारोह में 187 मेडल बांटे गए जिनमें कई छात्र ऐसे थे जिन्हें एक से ज्यादा कैटेगरी में यह मेडल मिले।
इस दौरान डॉ. चक्रवर्ती गोल्ड मेडल दीप्ती नारायण, चांसलर गोल्ड मेडल रश्मि सिंह, चांसलर सिल्वर मेडल कोमल, चांसलर सिल्वर मेडल गुरुकीरत कौर को भी मिला। वहीं एमएससी की छात्रा रुपाली श्रीवास्तव को सबसे अधिक 12 मेडल मिले, तो वहीं एमए (एनशियंट हिस्ट्री) की छात्रा कोमल को दस मेडल मिले। इसके अलावा एमएसडब्लू की छात्रा दीप्ति नारायण को पांच मेडल प्राप्त हुए।
एलयू दीक्षांत समारोह: टॉपर्स की कामयाबी की कहानी पढ़कर आप भी गर्व महसूस करेंगे Hindi News/ Lucknow / शाहरुख की फिल्म ‘स्वदेश’ से प्रेरणा लेकर अपने गांव में स्कूल बनाएगी एलयू की यह टॉपर