मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को लोकभवन में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक में वैट पर ब्याज माफ कर दिया जिससे उत्तर प्रदेश के करीब तीन लाख व्यापारियों को फायदा होगा। उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनियम 1948, केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम 1956, मनोरंजन कर, वैट और उत्तर प्रदेश केबिल टेलिविजन नेटवर्क नियमावली के आधार पर 31 मार्च 2019 तक तय कर पर लंबित ब्याज व अर्थदंड को माफ कर दिया गया है।
सरकार को 23457.96 करोड़ का मिलेगा राजस्व :- जीएसटी लागू होने से कई तरह के कर व्यापारियों से लिए जा रहे थे। बकाए कर पर ब्याज और अर्थदंड लगा देने की वजह से इन बकाए करों की वसूली नहीं हो पा रही थी। कैबिनेट की बैठक में ब्याज और अर्थदंड को माफ करने का फैसला किया है। इससे जहां 323439 व्यापारियों को फायदा होगा, वहीं बकाया कर 23457.96 करोड़ रुपए मिलने का रास्ता साफ होगा। इस लाभप्रद योजना को आकर्षण बनाने के लिए बकाया जमा करने पर व्यापारियों को किस्त के विकल्प की सुविधा भी दी जाएगी। योजना लागू होने के बाद पूर्व में जमा मूलधन, ब्याज, अर्थदंड इस योजना के तहत वापसी या समायोजन नहीं होगा।
तथ्य छिपा कर समाधान लाभ पाया, तो कार्रवाई :- अर्थदंड का मतलब बकाया न जमा करने के कारण लगाए गए जुर्माने से है। अन्य प्रकार के अर्थदंड का लाभ इस योजना पर लागू नहीं होगा, लेकिन इसकी गणना बकाए के मूलधन के रूप में की जाएगी। बकाया जमा करने पर व्यापारी को प्रमाण पत्र और समाधान लाभ के अतिरिक्त सभी बकाया जमा करने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाएगा। यह इस शर्त के साथ जारी किया जाएगा कि भविष्य में यह पाया जाता है कि कोई तथ्य छिपा कर समाधान का लाभ पाया गया है, तो कार्रवाई की जाएगी। ब्याज माफी के लिए बड़े व्यापारियों से विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और छोटे व्यापारियों को स्थानीय कार्यालय स्तर पर यह सुविधा मिलेगी।