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लखनऊ

यूपी में जून माह में शुरू होगा सीरो सर्वे, केजीएमयू और मेरठ मेडिकल कालेज पता करेंगे कितनों में डेवलप हुई एंडीबॉडी

– जून माह के पहले सप्ताह से यूपी में सभी जिलों में सीरो सर्वे शुरू किया जाएगा। सीरो सर्वे से यह पता लगाया जाएगा कि क्या यूपी में कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण (कम्युनिटी स्प्रेड) हुआ है।

लखनऊMay 30, 2021 / 03:47 pm

Mahendra Pratap

यूपी में जून माह में शुरू होगा सीरो सर्वे, केजीएमयू और मेरठ मेडिकल कालेज पता करेंगे कितनों में डेवलप हुई एंडीबॉडी

यूपी में जून माह में शुरू होगा सीरो सर्वे, केजीएमयू और मेरठ मेडिकल कालेज पता करेंगे कितनों में डेवलप हुई एंडीबॉडी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. जून माह के पहले सप्ताह से यूपी में सभी जिलों में सीरो सर्वे शुरू किया जाएगा। सीरो सर्वे से यह पता लगाया जाएगा कि क्या यूपी में कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण (कम्युनिटी स्प्रेड) हुआ है। राज्य के किस जिले के किस क्षेत्र में कोरोना वायरस का कितना संक्रमण फैला और आबादी का कितना हिस्सा संक्रमित हुआ। और कितने लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबाडी बन चुकी है। केजीएमयू लखनऊ और लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज मेरठ को सभी 75 जिलों के सैंपलों की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों के रक्त नमूनों की जांच की जाएगी। बीते साल भी 11 जिलों में सीरो सर्वे किया गया था। सीरो सर्वे में खून के सीरम की जांच की जाती है। सीरो सर्वे के फाइनल आंकड़ों के आधार पर कोरोना नियंत्रण और टीकाकरण की दिशा व गति तय की जा जाएगी।
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सीरो सर्वे तीन वर्ग शामिल :- सीरो सर्वे में हर जिले से एक तय संख्या में नमूने लिए जाएंगे। इसमें खासतौर पर तीन वर्गो को शामिल किया जाएगा। पहले वर्ग में जिसमें कोरोना पकड़ में नहीं आया। दूसरें में जो कोरोना से ठीक हुए, लेकिन अभी वैक्सीन नहीं लगी है। तीसरे, जिन्हें टीका लगवाए 42 दिन से ज्यादा वक्त हो चुका है। पता किया जाएगा कि प्राकृतिक रूप से वायरस से संक्रमित होने और टीका लगने से बनी एंटीबाडी में क्या अंतर आ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश में कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है, ऐसे में ज्यादातर में एंटीबाडी बन गई होगी।
स्वास्थ्य कर्मियों को हो रहा प्रशिक्षिण :- अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हफ्ते भर में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित कर सीरो सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश में पिछले साल सितंबर महीने के दौरान 11 जिलों में सीरो सर्वे कराया गया था। यह सर्वे लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, मेरठ, कौशांबी, बागपत व मुरादाबाद में हुआ था। उस समय सीरो सर्वे में 22.1 फीसद लोगों में एंटीबाडी पाई गई थी। यानी हर पांचवां व्यक्ति कभी न कभी कोरोना से संक्रमित हुआ था।
इस तरह चुने जाएंगे परिवार :- प्रत्येक सर्विलांस दल चिन्हित चार भागों में से किसी एक भाग में एक मकान से शुरुआत करते हुए आठ मकानों में रह रहे लोगों के नमूने लेंगे। इसमें शुरुआत के छह मकानों में प्रत्येक से 18 वर्ष से अधिक आयु के एक व्यक्ति का खून का नमूना लिया जाएगा। अंतिम दो मकानों में पांच वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बीच एक व्यक्ति का नमूना लिया जाएगा। इस तरह सभी चार भागों से कुल 32 नमूने लिए जाएंगे। प्रत्येक क्षेत्र में 16 पुरुष व 16 महिलाओं के नमूने लिए जाएंगे।
पिछले सीरो सर्वे में 22 फीसद में संक्रमण की पुष्टि :- सीएमओ मेरठ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि, सितबर 2020 में 11 जिलों में सीरो सर्वे किया गया था। जिसमें 22 फीसद लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसमें 18 से लेकर 70 साल तक की उम्र के लोग शामिल किए जाएंगे।
क्या है सीरो सर्वे :- विभिन्न क्षेत्रों व आयु वर्ग के लोगों के खून में आइजीजी की जांच होगी। यह पाजिटिव मिलने पर पता चलता है कि व्यक्ति में एंटीबाडी बन चुकी है। आइजीजी फैक्टर ब्लड में लंबे समय तक रहता है।
एक खुशखबर :- जीवनभर देगी कोरोना से सुरक्षा :- नेचर पत्रिका में प्रकाशित अमरीका के सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन के शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट कोरोना वायरस से हो रही जंग में सुकून पहुंचाने वाली है। कोरोनावायरस पर हुए इस ताजे अध्ययन में बताया गया है कि जिन लोगों को कोविड-19 के हल्के लक्षण होते हैं, उनका इम्यून सिस्टम इस बीमारी के खिलाफ प्रतिरक्षा तैयार कर लेता है। और जीवनभर कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है। कोरोना वायरस से उबरने के महीनों बाद, जब रक्त में एंटीबॉडी का स्तर कम हो जाता है, तब भी बोन मैरो में इम्यून सेल यानी कोरोनावायरस से लड़ने वाली कोशिकाएं चौकस रहती हैं ताकि हमला होने पर जवाब दे सकें।
लखनऊ के केजीएमयू के हीमैटोलॉजी विभाग के प्रमुख एके त्रिपाठी बताते हैं कि, एक बार संक्रमण होने के बाद शरीर में एंटीबॉडी बनाती है। यह एंटीबॉडी ब्लड में कुछ समय पश्चात कम अथवा समाप्त हो सकती है। लेकिन इनमें से कुछ एंटीबॉडी बोन मैरो या लिम्फनोड में मैमोरी सेल के रूप में शांत पड़ी रहती हैं। जब कभी दोबारा संक्रमण होता है तो यह एंटीबॉडी सक्रिय होकर संक्रमण के विरुद्ध शरीर को इम्युनिटी देती हैं। जिसमें शरीर बाहरी इंफेक्शन के विरुद्ध काम करता है और सुरक्षा प्रदान करता है। एक बार कोरोना वायरस होने के बाद यह सिस्टम हमें जिंदगी भर सुरक्षा देता है।

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