चुनाव आयोग को दी यह सलाह चुनाव आयोग को निष्पक्ष होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि चुनाव के दौरान रोड शो और मंदिरों में जाकर प्रार्थना करना फैशन शो बन गया है। इसमें काफी पैसा खर्च होता है। इसलिए चुनाव आयोग को यह खर्च उम्मीदवार की कुल व्यय सीमा में जोड़ना चाहिए। इसी के साथ मायावती ने कहा कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में प्रचार से प्रतिबंधित किए गए उम्मीदवार इस दौरान भी मंदिरों मे पूजा करते हैं, तो यह सार्वजनिक होना चाहिए। इसके लिए चुनाव आयोग को भी एक्शन लेना चाहिए ताकि उम्मीदवार दोबारा ऐसा न कर सकें।