कम दाम में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध बेहद कम दाम में सैनिटरी नैपकिन को बेचने का उद्देश्य है महिलाओं को संक्रमण से बचाना। सरकार की इस सस्ती नैपकिन के बाजार में आते ही अन्य कंपनियां अपने उत्पादों की कीमतों को कम कर सकती हैं। हालांकि, प्रति पैड ढाई रुपये में बेचे जाने का मतलब है कि टोटल 4 पैड होंगे, जिन्हें 10 रुपये में बेचा जाएगा। पैड भले ही कम होंगे, लेकिन महिलाओं को संक्रमण से बचाएंगे। इसी के साथ ये सारे सैनिटरी नैपकिन्स बायोडिग्रेडेबल होंगे, जो कि स्वच्छ भारत अभियान को भी बढ़ावा देंगे।
जन औषधि केंद्रों पर लाने की तैयारी इन बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन्स को महिला दिवस पर लॉन्च किया गया था, जिसे अब जन औषधी केंद्रों पर लाने की तैयारी होगी। इसकी शुरूआत ग्रामीण इलाकों से की जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां की महिलाओं को सैनिटरी नौपकिन की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। उन्हें कपड़ा लगाकर ही काम चलाना पड़ता है इसलिए उनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा डिजिटल इंडिया के तहत फोन ऐप के जरिये भी महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन की होम डिलीवरी की जाएगी।
अन्य कंपनियों पर असर सैनिटरी नैपकिन के दाम में कमी लाने से अन्य कंपनियों पर असर पडे़गा। बाकी कंपनियां भी सैनिटरी नैपकिन के दाम में गिरावट कर सकती हैं। फोन ऐप के जरिये ऑर्डर
जहां सैनिटरी नैपकिन के दाम कम किए गए हैं, तो वहीं फोन ऐप की सुविधा को भी बढ़ावा दिया गया है। महिलाओं के पास ऑप्शन है कि वे फोन ऐप के जरिये भी सैनिटरी नैपकिन की होम डिलीवरी कर सकती हैं। इसी के साथ इसे ई मार्केट से भी जोड़ा जाएगा।