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लखनऊ

मोदी लहर में यूपी की इस सीट पर खिला था कमल, इस बार सपा-बसपा गठबंधन बनेगा रोड़ा, प्रियंका के सामने भी बड़ी चुनौती

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे होने के कारण मोहनलालगंज सीट काफी महत्वपूर्ण है….

लखनऊFeb 18, 2019 / 09:10 pm

Hariom Dwivedi

mohanlalganj lok sabha constituency

मोदी लहर में यूपी की इस सीट पर खिला था कमल, इस बार सपा-बसपा गठबंधन बनेगा रोड़ा, प्रियंका के सामने भी बड़ी चुनौती

लखनऊ. वर्ष 1967 में मोहनलालगंज लोकसभा सीट आस्तित्व में आई। लंबे समय तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन लेकिन बदलते वक्त के साथ समाजवादी पार्टी ने इस पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कौशल किशोर विजयी हुए थे। वर्तमान में मोहनलालगंज लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे होने के कारण यह सीट काफी महत्वपूर्ण है।
2014 के लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी को जीत मिली थी, लेकिन सपा-बसपा गठबंधन के चलते इस बार बीजेपी की राह आसान नहीं होगी। पिछले आम चुनाव में भाजपा को कुल 40.8 फीसदी वोट मिले थे, वहीं बसपा प्रत्याशी को 27.8 और सपा प्रत्याशी को 21.7 फीसदी वोट मिले थे। इस बार अगर यह वोटर साथ आ गये तो भाजपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कभी नहीं जीती बहुजन समाज पार्टी
मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र में वैसे तो लगभग हर पार्टी को जीत हासिल हुई है, लेकिन इस सीट पर कभी बसपा का प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका है। मोहनलालगंज सीट से 5 बार कांग्रेस, चार बार समाजवादी पार्टी और तीन बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है। भारतीय लोकदल और जनता पार्टी ने भी इस सीट से एक-एक बार जीत का स्वाद चखा है।
मोहनलालगंज : 2014 लोकसभा चुनाव
– भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर जीते। उन्हें 4 लाख 55 हजार 274 वोट मिले, जो कुल वोटिंग पर्सेंटेज का 40.8 फीसदी था
– बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी आर के चौधरी दूसरे नंबर पर रहे। उन्हें कुल 3 लाख 09 हजार 858 वोट मिले, जो वोटिंग प्रतिशत का 27.8 फीसदी था
– समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सुशीला सरोज 21.7 फीसदी मत पाकर तीसरे नंबर पर रही थीं।
– कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र गौतम त्र 4.7 फीसदी वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे थे।
– 2019 के लोकसभा चुनाव सपा-बसपा गठबंधन का प्रत्याशी भाजपा की मुसीबत बढ़ा सकता है।
प्रियंका गांधी के सामने बड़ी चुनौती
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया को उत्तर प्रदेश जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन दोनों के कंधों पर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खोई प्रतिष्ठा वापस लाने की जिम्मेदारी है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में कई सीटें ऐसी हैं, जिन्हें कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब इन सीटों पर गैर कांग्रेसी दलों का कब्जा है। इनमें से ऐसी ही एक लोकसभा सीट है मोहनलालगंज।
मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र : कौन कब जीता
– 1962 से 1971 तक (तीन बार) – गंगा देवी, कांग्रेस
– 1977 रामलाल कुरील- भारतीय लोकदल
– 1980 कैलाश पति- कांग्रेस
– 1984 जगन्नाथ प्रसाद, कांग्रेस
– 1989 सरजू प्रसाद सरोज, जनता दल
– 1991 छोटे लाल, भारतीय जनता पार्टी
– 1996 में पूर्णिमा वर्मा, भारतीय जनता पार्टी
– 1998 और 1999 रीना चौधरी (दो बार), समाजवादी पार्टी
– 2004 जय प्रकाश, समाजवादी पार्टी
– 2009 सुशीला सरोज, समाजवादी पार्टी
– 2014 कौशल किशोर भारतीय जनता पार्टी
मोहनलालगंज एक नजर में (2011 की जनगणना के आधार पर)
– कुल जनसंख्या- 26 लाख 95 हजार 769
– कुल जनसंख्या में 75.19 फीसदी आबादी ग्रामीण र 26.81 फीसदी आबादी शहरी है
– कुल मतदाता- 19 लाख 05 हजार 279
– इस सीट पर 34.14 फीसदी अनुसूचित जाति की आबादी है

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