जरूरी नहीं कि भरना ही पड़ेगा चालान यहां एक बात और जान लें कि चालान (Traffic Challan in Uttar Pradesh) लेकर जब आप कोर्ट जाएंगे, वहां जाकर भी यह जरूरी नहीं कि आपको चालान भरना ही होगा। बल्कि कोर्ट जाने पर आपको ट्रैफिक पुलिस का एक रजिस्टर (Traffic Police Register) दिया जाएगा। उस रजिस्टर में आपको चालान नंबर और गाड़ी नंबर के साथ दो विकल्प दिये जाएंगे। उन दो विकल्पों में से एक अपनी गलती कबूलने और दूसरा अपनी गलती न कबूलने का होगा। कोर्ट में अगर आप गलती कबूल कर लेते हैं तो आपको जुर्माना (Traffic Chalan Paid in Court) भरना होगा। लेकिन अगर आप अपनी गलती नहीं मानते, तो फिर समरी ट्रायल (Summary Challan) चलेगा और अदालती कार्रवाई में आपके द्वारा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन साबित करने के लिए पुलिस को गवाह पेश करना होगा। ऐसे में अगर जरूरी गवाह की गवाही नहीं करवा पाती तो फिर आप चालान भरने से बच जाएंगे।
कोर्ट से मिल सकती है राहत लेकिन पुलिस अपना सबूत पेश करके अगर आपकी गलती साबित भी कर देती है, तो फिर आपकी ओर से कोर्ट से गुहार लगाने पर और आगे गलती न दोहराने की हिदायत के साथ कोर्ट आपका जुर्माना कम (Relief in New Traffic Challan) भी कर सकता है। यहां जरूरी बात ये भी है कि अगर किसी वजह से खुद कोर्ट जाने की स्थिति में नहीं है तो भी मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 208 (Motor Vehicle Act Section 208) के मुताबिक आप अपने वकील के जरिए भी चालान की राशि जमा करा सकते है।
मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 206 (Motor Vehicle Act Section 206) के मुताबिक इन दस्तावेजों के न होने पर पुलिस आपकी गाड़ी कर सकती है जब्त – ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) न होने पर
नहीं कर सकते गाड़ी जब्त हालांकि ऐसा नही हो सकता कि आपने रेडलाइट जंप (Red light Jump Challan) की और पुलिस आपकी गाड़ी जब्त कर लेगी। वहीं गाड़ी जब्त होने की सूरत में आप ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (Transport Authority) या फिर कोर्ट में ओरिजिनल दस्तावेज (Vehicle Original Documenst) दिखाकर अपना वाहन वापस ले सकते है।