अखिलेश यादव ने कहा कि सपा-बसपा और रालोद गठबंधन के अलावा निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी के साथ आने से यूपी में बड़ा परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि सूबे का वोटर भाजपा को सबक सिखाने के लिए मतदान के दिन का इंतजार कर रही है।
सपा कार्यालय में लगी होर्डिंग
राजधानी लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में लगी होर्डिंग्स सुबह से ही चर्चा में रहीं। सपा दफ्तर में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ ही निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के होर्डिंग्स साथ में लगे।
सपा कार्यालय में लगी होर्डिंग
राजधानी लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में लगी होर्डिंग्स सुबह से ही चर्चा में रहीं। सपा दफ्तर में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ ही निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के होर्डिंग्स साथ में लगे।
सूबे की 20 लोकसभा सीटों पर है निषादों का प्रभाव
प्रदेश में गोरखपुर, सुलतानपुर, भदोही, संत कबीर नगर और मिर्जापुर समेत करीब 20 लोकसभा ऐसी सीटें हैं, जिन पर निषाद जातियों का प्रभाव माना जाता है। 2018 के लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट जीतकर निषाद पार्टी ने संकेत दे दिये थे कि 2019 में निषाद जातियां मिलकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाएंगे, खासकर तब उन्हें सपा-बसपा का साथ हासिल हो। निषादों में 15-16 उपजातियां शामिल हैं, जिनमें केवट, मल्लाह, बिन्द, कश्यप, धीमर, मांझी, कहार, राजभर, भर, प्रजापति, कुम्हार, मछुआ, तुरैहा, गौड़, बाथम, मझवार, किसान, लोध, महार, खरवार, गोड़िया, रैकवार, सोरहीया, खुलवट, चाई, कोली, भोई, कीर, तोमर, भील, जलक्षत्री, धुरिया जाति शामिल हैं।
प्रदेश में गोरखपुर, सुलतानपुर, भदोही, संत कबीर नगर और मिर्जापुर समेत करीब 20 लोकसभा ऐसी सीटें हैं, जिन पर निषाद जातियों का प्रभाव माना जाता है। 2018 के लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट जीतकर निषाद पार्टी ने संकेत दे दिये थे कि 2019 में निषाद जातियां मिलकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाएंगे, खासकर तब उन्हें सपा-बसपा का साथ हासिल हो। निषादों में 15-16 उपजातियां शामिल हैं, जिनमें केवट, मल्लाह, बिन्द, कश्यप, धीमर, मांझी, कहार, राजभर, भर, प्रजापति, कुम्हार, मछुआ, तुरैहा, गौड़, बाथम, मझवार, किसान, लोध, महार, खरवार, गोड़िया, रैकवार, सोरहीया, खुलवट, चाई, कोली, भोई, कीर, तोमर, भील, जलक्षत्री, धुरिया जाति शामिल हैं।