भारतीय जनता पार्टी से नाता टूटने के बाद पांच छोटे-छोटे दलों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन करने वाले राजभर इसे और विस्तार देने के प्रयास में है। बीते दिनों उन्होंने लखनऊ में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात की थी और अब मुलायम से मुलाकात कर सूबे का सियासी तापमान बढ़ा दिया है। सूत्रों की मानें तो उनकी बात प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव से भी हुई है और वह बसपा सुप्रीमो मायावती से भी संपर्क साधने में जुटे हुए हैं। राजभर की कोशिश भाजपा विरोधी दलों को एकजुट कर भागीदारी संकल्प मोर्चे को मजबूत करने की है।
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की मानें तो प्रदेश का 38 फीसदी पिछड़े ही किसी की भी सरकार बनवाने में सक्षम हैं। उनकी कोशिश इसी 38 फीसदी को भागीदारी संकल्प मोर्चा से जोड़ने की है। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ने वाले ओमप्रकाश राजभर वर्ष 2022 का चुनाव भागीदारी मोर्चे के बैनर तले लड़ने की बात कर रहे हैं। उनका दावा है कि मोर्चा सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। मोर्चे में उन सबकी भागीदारी महत्वपूर्ण होगी, जो दलित शोषित और वंचित हैं. चाहे वो किसी भी जाति या धर्म से हों।
भागीदारी संकल्प मोर्चा में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा, राष्ट्र उदय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू रामपाल, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति और जनता क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह चौहान शामिल हैं। बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि कई छोटे दल भागीदारी संकल्प मोर्चा के संपर्क में हैं। उनके साथ मिलकर 2022 में यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए बना भागीदारी संकल्प मोर्चा की सभी 75 जिलों में रैलियां की जाएंगी। मोर्चा सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगा।