सरकार ने यूपी में सड़कों का बड़ा सा जाल फैला दिया है। कहा जाता है कि किसी भी प्रदेश के विकास की सबसे बड़ी कड़ी सड़क होती है। बेहतरीन कनेक्टिविटी से निवेश आता है और विकास के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होता है। आर्थिक गतिविधियां तेज हो जाती है। इन एक्सप्रेसवे की वजह से बड़ी बड़ी इंडस्ट्रीज लगने के अवसर उत्पन्न होते हैं। किसानों को बाजार आसानी से उपलब्ध हो जाता है। और आमदनी बढ़ाने का अवसर मिल जाता है।
उदाहरण के तौर पर अगर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की बात करें तो इस एक्सप्रेस के दोनों तरफ पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स बनाने की योजना है। जिसमें कई तरह की इंडस्ट्री लगाने की योजना है। जिससे यूपी के युवाओं को ढेर सारा रोजगार मिलेगा। सूबे की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। आप खुश होंगे की यूपी की अर्थव्यवस्था इस वक्त देश में दूसरे नंबर पर है। इसमें एक बड़ा रोल सड़कों और एक्सप्रेसवे का है। पर एक्सप्रेसवे बनाने के साथ उसकी देखभाल बेहद अहम है। सरकार को इस पर निगरानी रखनी पड़ेगी। अपराध बहुत होता है, और गति की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ जाती है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था टाइट होनी चाहिए। वहीं एक्सप्रेस-वे की सुविधा अगर लम्बे समय तक उठानी है तो जनता और वाहन चालकों को सड़क के नियम कायदों का पालन अनिवार्य रुप से कराना पड़ेगा। तब ही एक्सप्रेसवे सबका के लिए वरदान साबित होगा।